स्वाइन फ्लू का जारी है कहर, बिलासपुर में पांचवीं मौत, स्वास्थ्य विभाग सर्वे में जुटा - Swine Flu Cases
Death due to swine flu छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं.इसी कड़ी में बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से 5 मौतें हो चुकी है.स्वाइन फ्लू से मौतों के बाद अब स्वास्थ्य विभाग घर-घर सर्वे कराकर जानकारी इकट्ठी कर रहा है. Swine flu in Bilaspur
स्वाइन फ्लू का जारी है कहर (ETV Bharat Chhattisgarh)
बिलासपुर :छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बिलासपुर जिला इससे काफी ज्यादा प्रभावित है.मौजूदा समय में स्वाइन फ्लू से एक महिला की मौत का मामला सामने आया है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. बिलासपुर में स्वाइन फ्लू के 2 और नए मरीजों की हुई पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है.
20 मरीजों का चल रहा इलाज :आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में अब तक 5 मरीजों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है. अब तक स्वाइन फ्लू के 96 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. वहीं करीब 20 मरीजों का इलाज चल रहा है. स्वाइन फ्लू के मरीज शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में करवा रहे हैं.
बिलासपुर में पांचवीं मौत (ETV Bharat Chhattisgarh)
स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही है सर्वे :मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने रोकथाम टीम को एक्टिव कर दिया है. विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्र में पहुंच कर घर-घर सर्वे करने के साथ मरीज ढूंढने का काम कर रही है. लक्षण मिलने वाले मरीजों का स्वाइन फ्लू टेस्ट सैंपल लिया जा रहा है. इस दौरान सीएमएचओ डॉ प्रभात श्रीवास्तव ने लोगों से कहा कि विभागीय गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी है ताकि स्वाइन फ्लू के मामलों को कंट्रोल किया जा सके.स्वाइन फ्लू को लेकर बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पाण्डेय ने कहा है कि स्वाइन फ्लू पर बिलासपुर का हाल बहुत ही बुरा है. कल भी एक मौत हुई है. अब तक पांच मौतें हो चुकी हैं.
''सरकार के लापरवाही के कारण डायरिया भी फैला था. अब स्वाइन फ्लू भी कहर बरपा रहा है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही वो इसको लेकर फंड जारी करें और बीमारियों की रोकथाम करें.'' शैलेष पाण्डेय, पूर्व विधायक बिलासपुर
किसे कहते हैं स्वाइन फ्लू :स्वाइन फ्लू H1N1 इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है, जो मूल रूप से सूअरों को संक्रमित करता है. इनके संपर्क में आने से संक्रमण इंसानों को भी फैल जाता है. इसके साथ ही कोई स्वाइन प्लू से पीड़ित मरीज खांसता या छींकता है, तो हवा में श्वसन बूंद के जरिए यह दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है. इस वजह से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है. इसके अलावा वायरस से संक्रमित वस्तुओं को छूने से भी संक्रमण हो सकता है. स्वाइन फ्लू वायरस से संक्रमित व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो सकता है या मरीज की जान भी जा सकती है. इसलिए स्वाइन फ्लू से सावधान और सतर्क रहना बेहद जरूरी है.
ऐसे लोग रहें ज्यादा सावधान :इस श्रेणी में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को पहले रखा गया है. इसके बाद 5 साल से कम उम्र के छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं को रखा गया है. इसके साथ ही अस्थमा, कैंसर, हृदय रोग, सांस की समस्या, मधुमेह रोग जैसी पुरानी बीमारी वाले व्यक्तियों को भी स्वाइन फ्लू संक्रमण से ग्रसित होने का अत्यधिक खतरा बना रहता है.