रायपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिछले 10 सालों में सैकड़ों जवान शहीद हुए. सैकड़ों की नक्सलियों ने जवानों और बेस कैंप को घेरकर उन पर हमला किया. हालांकि जवानों ने भी नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. लेकिन अचानक हुए नक्सली हमलों में सुरक्षा बलों को ज्यादा नुकसान हुआ. जानते हैं पिछले 10 साल में बस्तर में हुए नक्सली हमलों के बारे में.
15 मार्च 2007: बीजापुर के रानी बोदली गांव में पुलिस बेस कैंप पर नक्सलियों के हमले में CAF के 16 जवान और 39 एसपीओ जवान शहीद हुए. हमले के बाद नक्सलियों ने पुलिस कैंप से सेल्फ-लोडिंग राइफल, एके-47 राइफल, .303 राइफल और एक मोर्टार सहित 39 हथियार लूट लिए. रिपोर्ट के अनुसार कैंप में तैनात 79 पुलिसकर्मियों और एसपीओ में से केवल 11 ही भागने में सफल रहे.
29 अगस्त 2007: दंतेवाड़ा के जगरगुंडा जंगल में नक्सलियों के हमले में 12 SF जवानों की मौत. लगभग 200 सशस्त्र माओवादियों ने एसएफ कर्मियों के काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जब वे जगरगुंडा के तारमेकला गांव में सड़क निर्माण को सुरक्षा देने जा रहे थे.
04 नवंबर 2007:बीजापुर के पमेदु पुलिस स्टेशन के पास नक्सलियों के हमले में 6 CRPF जवानों सहित 16 पुलिस जवानों की हत्या. लगभग 100 नक्सलियों ने पहले बारूदी सुरंग में विस्फोट किया और फिर पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 16 पुलिसकर्मी मारे गए. च घायल पुलिसकर्मी भागने में सफल रहे और उन्होंने पमेदु पुलिस स्टेशन में घात लगाकर किए गए हमले की सूचना दी. यह घटना उस समय हुई जब पुलिस दल वेतन वितरण के लिए निकाले गए पैसे लेकर गोलापल्ली से आ रहे विभागीय अधिकारियों की टीम को लेने जा रहे थे.
20 अक्टूबर 2008: बीजापुर जिले में मोडुपाल और कोमपल्ली के बीच घात लगाए 100 से ज्यादा नक्सलियों के हमले में 12 अर्धसैनिक बल के जवान शहीद हो गए. इलाके में गश्त कर रहे सीआरपीएफ के जवान मोडुपाल बेस कैंप की ओर बढ़ रहे थे, तभी नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया. नक्सलियों ने पहले विस्फोट किया फिर गोलीबारी शुरू कर दी. नक्सली मृत और घायल जवानों के हथियार भी लेकर फरार हो गए. जिनमें एक एके-47 असॉल्ट राइफल, दो एसएलआर, एक लाइट मशीन गन और इंसास राइफल है.
12 जुलाई 2009:राजनांदगांव में दो अलग अलग नक्सल घटनाओं में एसपी समेत 30 पुलिसकर्मियों की हत्या हो गई.इस हमले में करीब 200 माओवादी शामिल थे.
8 अक्टूबर 2009:राजनांदगांव के लाहेरी पुलिस चौकी पर नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 17 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. 100 से ज्यादा नक्सलियों ने विशिष्ट पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया, जो छत्तीसगढ़ की सीमा से लगी चौकी के पास नियमित अभ्यास कर रहे थे.
29 जून 2010:नारायणपुर जिले में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ की 39वीं बटालियन के 23 जवान शहीद. यह हमला धुधई से तीन किलोमीटर दूर झाड़हा घाटी के पहाड़ी इलाके के पास हुआ, जब जवान गश्त से लौट रहे थे.
6 अप्रैल 2010: दंतेवाड़ा में लगभग 1000 सीपीआई-माओवादी कैडर्स के हमले में 75 CRPF जवान और एक पुलिसकर्मी की मौत.यह घटना जिले के चिंतलनाड-तर्मेतला गांव के पास हुई, जब सीआरपीएफ का एक गश्ती दल सुबह 6 से 7 बजे के बीच नक्सल प्रभावित मुकराना जंगल में सड़क खोलने की ड्यूटी से लौट रहा था. यह दल पिछले तीन दिनों से तलाशी अभियान के तहत तर्मेतला जंगल के अंदरूनी इलाकों में डेरा डाले हुए था.