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स्मार्ट सिटी की कछुआ चाल से 9 महीने में कैसे पूरे होंगे करोड़ों के 10 प्रोजेक्ट? फिलहाल ऐसे हैं हालात - incomplete projects in smart city

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 7, 2024, 10:49 PM IST

स्मार्ट सिटी मिशन के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने डेडलाइन को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है. हालांकि इतने समय में अधूरे कामों को पूरा करना आसान नहीं है. इस रिपोर्ट में पढ़िए किस प्रोजेक्ट के फिलहाल क्या हैं हालात?

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स्मार्ट सिटी के अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स (ETV Bharat Jaipur)

स्मार्ट सिटी के ये प्रोजेक्ट्स हैं अधूरे, 9 माह में कैसे होंगे पूरे (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. स्मार्ट सिटी मिशन के अधूरे काम को लेकर केन्द्र सरकार ने मार्च 2025 तक समय बढ़ा दिया है. लेकिन शहर में चल रहे बड़े प्रोजेक्ट्स का काम बीते 2 साल में आधा भी नहीं हुआ है. इनमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल (गणगौरी) के एक्सटेंशन, किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में राजकीय बालिका महाविद्यालय का भवन निर्माण और चौगान स्टेडियम में खेल सुविधाओं का विस्तार का काम शामिल है. काम की रफ्तार को देखते हुए आगामी 9 महीने में भी ये बड़े प्रोजेक्ट्स पूरे होंगे या नहीं इस पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं.

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की बढ़ी डेडलाइन (ETV Bharat Jaipur)

साल 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी स्मार्ट सिटी मिशन कॉन्सेप्ट लेकर आए थे. जिसमें जयपुर को भी शामिल किया गया था. यहां स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 153 काम किए जाने थे. जिसका तय समय 30 जून, 2024 था. लेकिन अब तक करीब 140 प्रोजेक्ट ही पूरे हो पाए हैं. हालांकि अब केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन को एक्सटेंड करते हुए मार्च 2025 तक समय बढ़ाया है. लेकिन अभी भी कई ऐसे काम हैं, जिनकी कछुआ चाल जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के लिए चुनौती बनी हुई है.

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स्मार्ट सिटी के ये प्रोजेक्ट्स हैं अभी भी अधूरे (ETV Bharat Jaipur)

स्मार्ट सिटी के प्रमुख पेंडिंग प्रोजेक्ट :

  1. पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल (गणगौरी) के एक्सटेंशन
  2. शहर में 20 नए साइकिल स्टैंड और पुरानों की मेंटिनेंस कर साइकिल कल्चर विकसित करना
  3. राजस्थान विधानसभा में डिजिटल म्यूजियम
  4. ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 15 करोड़ के संसाधन निगमों को उपलब्ध कराना बाकी
  5. रामनिवास बाग अंडरग्राउंड पार्किंग का संचालन
  6. किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में राजकीय बालिका महाविद्यालय का भवन निर्माण
  7. अभय कमांड सेंटर का अपग्रेडेशन
  8. चौगान स्टेडियम में खेल सुविधाओं का विस्तार
  9. काले हनुमान मंदिर के बाहर ड्रेनेज सिस्टम
  10. झालानियों के रास्ते में प्लेस मेकिंग और ब्यूटीफिकेशन
  11. चौहान स्टेडियम से राजहंस कॉलोनी तक ड्रेनेज सिस्टम

इस संबंध में स्मार्ट सिटी सीईओ अभिषेक सुराणा ने बताया कि स्मार्ट सिटी के मुख्य रूप से 10 काम पेंडिंग चल रहे हैं. इनमें कुछ काम स्मार्ट सिटी की ओर से किया जा रहे हैं और कुछ काम दूसरी एजेंसी की ओर से किया जा रहे हैं. लेकिन लक्ष्य यही है कि अक्टूबर 2024 तक ये सभी काम पूरे कर लिए जाए.

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ये बड़े प्रोजेक्ट प्राथमिकता :

  1. चौगान स्टेडियम: यहां 21.37 करोड़ से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं. मार्च 2020 में काम शुरू हुआ, जो सितंबर 2021 तक पूरा होना था. समय पर काम पूरा नहीं होने पर अक्टूबर 2024 तक का समय दिया गया. इसे लेकर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने संबंधित फर्म को नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली है.
  2. पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल विस्तार:गणगौरी बाजार स्थित इस अस्पताल का 44.61 करोड़ में विस्तार हो रहा है. इसका काम अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ, अभी तक सिर्फ भवन का ढांचा ही तैयार हो पाया है. अभी 60 फीसदी काम हो पाया है. फिनिशिंग का काम अधूरा पड़ा है. जबकि इस काम को अक्टूबर 2023 तक पूरा करना था. स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने इस काम को पूरा करने के लिए अब अक्टूबर 2024 तक की डेड लाइन तय की है.
  3. राजकीय बालिका महाविद्यालय भवन: किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में जालूपुरा स्थित दरबार स्कूल की जगह राजकीय बालिका महाविद्यालय का निर्माण करवाया जा रहा है. 8.46 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट का काम अप्रेल 2022 में शुरू हुआ, लेकिन अभी तक 50 फीसदी भी काम पूरा नहीं हो पाया है. अभी इन्फ्रास्ट्रक्चर और फिनिशिंग का काम अधूरा पड़ा है.

सुराणा ने बताया कि फिलहाल गणगौरी अस्पताल और सरकारी महाविद्यालय का काम स्पीड से चल रहा है. अगले 4 महीने में फिनिशिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा. जहां तक चौगान स्टेडियम का सवाल है, तो यहां महीने भर में काम पूरा कर लिया जाएगा. इनके अलावा जो भी काम है वो 10 से 15 दिन में पूरे कर लिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि रामनिवास बाग की पार्किंग का काम पूरा हो चुका है. जल्द इसका संचालन भी शुरू हो जाएगा. वहीं आईपीडी टावर के काम में स्मार्ट सिटी के लेवल पर होने वाला काम पूरा किया जा चुका है.

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वहीं उन्होंने बताया कि ठोस कचरा प्रबंधन पर हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम दोनों काम कर रहे हैं. प्रयास यही है कि स्वच्छ सर्वेक्षण में जयपुर की रैंकिंग को सुधारा जा सके. जयपुर स्मार्ट सिटी का चयन 2.0 चैलेंज के लिए हुआ है, उसमें जो भी फंड मिलेगा, उसके जरिए ट्रांसफर स्टेशन और ठोस कचरा प्रबंधन पर काम किया जाएगा. इसके अलावा विधानसभा में डिजिटल म्यूजियम जल्द हैंड ओवर कर दिया जाएगा. परकोटे के मद्देनजर फायर हाइड्रेंट सिस्टम तैयार किया गया है. उसे हाल ही में हैंड ओवर किया गया है और उसकी अब हर 15 दिन में एक ड्रिल भी की जाएगी.

इसके अलावा जयपुर में साइकिल कल्चर विकसित करने के लिए लाए गए साइकिल प्रोजेक्ट की भी सुध ली जा रही है. अभिषेक सुराणा ने बताया कि ये प्रोजेक्ट कोविड के पहले लाया गया था. लॉकडाउन के दौरान ये फाइनेंशियल वायबल नहीं रहा. इसलिए आज खस्ताहाल है. अब प्रयास किया जा रहा है कि कुछ नए साइकिल स्टैंड बनाकर पुराने प्रोजेक्ट के साथ उसे जोड़ते हुए पीपीपी मोड पर इसे संजीवनी दें. कुछ वेंडर से भी इस संबंध में बात की जा रही है और जल्द ही जयपुर में साइकिल के साथ एक सुविधा मिल पाएगी.

उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ही जयपुर में 9 स्मार्ट रोड स्मार्ट बाजार बनाने की प्लानिंग थी. जिनमें से महज दो तैयार किए गए और फिर इस प्रोजेक्ट को ड्रॉप कर दिया गया और किशनपोल और चांदपोल बाजार को स्मार्ट रोड बनाया गया. उनमें चांदपोल में बारिश में पानी भरने की समस्या देखने को मिलती है. इस पर अभिषेक सुराणा ने कहा कि स्मार्ट रोड्स पर वाई-फाई, कैमरा, पार्किंग सेंसर, मैनहोल सेंसर, एनवायरमेंट सेंसर वर्किंग में है. जहां तक पानी भरने का सवाल है, तो उसका ठीकरा सिर्फ स्मार्ट सिटी पर नहीं फोड़ा जा सकता. यहां जो ड्रेनेज और सीवर का काम है, उस पर भी काम होना है. नगर निगम में अमृत 2.0 के तहत काम किया जा रहा है. उसमें इस समस्या से निपटा जाएगा.

बहरहाल, केंद्र सरकार से अब इन तमाम प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के मद्देनजर मार्च 2025 का समय और दिया है. देखना होगा कि स्मार्ट सिटी अपने सभी प्रोजेक्ट्स को पूरा करते हुए आगामी 9 महीने में इन्हें धरातल पर उतार पाती है या नहीं.

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