दौसा. जिले की साइबर थाना पुलिस ने साइबर ठगी के 5 साल पुराने एक मामले में साइबर ठगी के षड्यंत्र में शामिल एक आरोपी को बिहार से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि ठगों ने एक महिला को 'कौन बनेगा करोड़पति' में लॉटरी निकलने का झांसा देकर उससे 15 लाख रुपए ऐंठ थे. इस दौरान जब महिला को खुद के साथ हुई ठगी के बारे में पता चला तो पीड़िता ने साइबर थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
दरअसल, 20 मार्च, 2019 को जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के गीजगढ़ की रहने वाली महिला सुनीता देवी पत्नी ओमप्रकाश बैरवा ने अज्ञात लोगों के खिलाफ साइबर थाने में इस ठगी का मामला दर्ज कराया था. ऐसे में मामला दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. वहीं, जिस खाते में पीड़िता द्वारा राशि डाली गई थी. उनमें से एक धारक को चिन्हित किया गया था.
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ठगों ने अलग-अलग खातों में डलवाए थे पैसे : मामले में साइबर थाने के इंचार्ज डिप्टी एसपी ब्रजेश मीणा ने बताया कि पीड़िता ने दर्ज प्राथमिकी में बताया कि ठगों द्वारा महिला के पास कॉल किया गया. इस दौरान ठगों ने महिला को झांसे में लेते हुए कहा कि उसकी केबीसी की तरफ से लॉटरी लगी है. ऐसे में पहली बार में महिला से डॉक्यूमेंट्स के नाम पर 15,200 रुपए मांगे गए, जिन्हें पीड़िता ने ठगों द्वारा बताए गए खाते में डाल दिए. उसके बाद इनकम टैक्स, पॉलिसी, केबीसी में रजिस्ट्रेशन और आने जाने के खर्चे ने नाम पर पीड़िता से अलग-अलग खाते में कुल 15 लाख रुपए ठगी की राशि जमा करवाई थी.
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आरोपियों के खाते किए चिन्हित : मामले में साइबर पुलिस ने साइबर ठगों के खाते के बारे में जानकारी जुटाई. इस दौरान एक खाता धारक सोहराब अंसारी (36) पुत्र शहाबुद्दीन अंसारी निवासी धर्मपुर भीखपुर बिहार को चिन्हित किया गया. उसके खाते में ठगों द्वारा करीब 2 लाख रुपए की राशि डलवाई गई थी. इस दौरान साइबर पुलिस पिछले काफी समय से आरोपी की तलाश में बिहार में दबिश दे रही थी, लेकिन आरोपी नहीं मिला. ऐसे में वहां की स्थानीय पुलिस की मदद से शुक्रवार को आरोपी को गिरफ्तार किया गया. डिप्टी एसपी ब्रजेश मीणा ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया कि ठगों द्वारा डलवाई गई राशि को उसने अपने निजी काम में खर्च कर दिया है. वहीं, साइबर थाना पुलिस गिरफ्तार आरोपी से उसके नेटवर्क और अन्य ठगों के बारे में पूछताछ करने में जुटी है.