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जिस घर की प्रेम कहानी को दुनिया करती है सलाम, उस दशरथ मांझी के घर पिता-पुत्री आमने-सामने - DASHRATH MANJHI BHAGIRATH MANJHI

माउंटेन मैन दशरथ मांझी के परिवार में बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर अंदरूनी कलह सामने आ गई है. जानें क्या है मामला

DASHRATH MANJHI BHAGIRATH MANJHI
दशरथ मांझी के परिवार में अंदरूनी कलह (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 31, 2025, 10:24 PM IST

गया : कहते हैं राजनीति भी बड़ी अजीब बला है. यह क्या ना करवा दे. अब देखिए ना, जो बेटी पिता को पापा-पापा कहते नहीं थकती थी, वही कह रही है, टिकट मिल जाए तो पिता के खिलाफ ताल ठोकेंगे.

पिता-पुत्री के बीच राजनीतिक जंग : दूसरे शब्दों में कहें तो महत्वाकांक्षा की आग ने पिता-पुत्री को दो राहों पर लाकर खड़ा कर दिया है. ये कहानी है माउंटेन मैन बाबा दशरथ मांझी के घर की. दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी कांग्रेस में क्या शामिल हुए, उनकी बेटी अंशु कुमारी कहने लगी हैं, जेडीयू टिकट दे तो पिताजी के खिलाफ मैदान में उतरेंगे.

''यदि कांग्रेस मेरे पिता को टिकट देती है, और यदि मुझे जेडीयू टिकट दे तो अपने पिता के खिलाफ चुनाव लड़ने में कोई एतराज नहीं है.''- अंशु कुमारी, भागीरथ मांझी की बेटी

भागीरथ मांझी की बेटी अंशु कुमारी (Etv Bharat)

क्यों हुआ ऐसा :अब आपको इस कहानी की पूरी पटकथा बताते हैं. भागीरथ मांझी पहले जेडीयू में शामिल हुए थे. लेकिन जदयू ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया तो वह दिल्ली जाकर कांग्रेस में शामिल हो गए. अब अंशु कुमारी का कहना है, कि हमारे दादा दशरथ मांझी ने नीतीश कुमार से जो भी मांगा था, उन्होंने दिया. किंतु मेरे पिता भागीरथ मांझी को टिकट देने का वादा पूरा नहीं किया.

''अच्छी बात है कि कांग्रेस ने कम से कम पिता जी के लिए सोचा है. यदि कांग्रेस मेरे पिता को टिकट देती है, तो वह चुनाव लड़ेंगे. यदि मुझे जेडीयू टिकट देती है, तो मैं भी चुनाव लडूंगी. क्या पिता-पुत्री एक- दूसरे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ते हैं?''- अंशु कुमारी, भागीरथ मांझी की बेटी

भागीरथ मांझी कांग्रेस में शामिल (Etv Bharat)

'पूरा परिवार ही जेडीयू के साथ': दशरथ मांझी की पोती और भागीरथ मांझी की पुत्री अंशु कुमारी का कहना है कि हमारा पूरा परिवार ही जेडीयू के साथ रहा है. बाबा दशरथ मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू ने काफी सम्मान दिया. पिता को गांव के ही कोई नेता लेकर दिल्ली गए थे. इसके बाद घर वालों को पता चला कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है.

इस परिवार को मिले सारी सरकारी सुविधा- दामाद : वहीं, भागीरथ मांझी के दामाद मिथुन मांझी बताते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माउंटेन मैन बाबा दशरथ मांझी को पहचान देकर प्रसिद्ध किया. सड़क, अस्पताल कई तरह के काम हुए. बाबा का समाधि स्थल भी बनाया. सीएम नीतीश ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक दिन के लिए बिठाकर सम्मानित किया. किंतु बाबा के परिजनों के लिए जो होना चाहिए था, वह नहीं हुआ. इस परिवार को सुविधाएं मिलनी चाहिए.

''संविधान सुरक्षा सम्मेलन में हमारे ससुर भागीरथ मांझी पटना गए थे. इसके बाद राहुल गांधी के बुलावे पर दिल्ली चले गए. वहां उन्होंने पार्टी ज्वाइन कर ली. कांग्रेस में शामिल हो गए. अब उन्हें टिकट मिलने की भी संभावना है.''- मिथुन मांझी, भागीरथ मांझी के दामाद

भागीरथ मांझी का दामाद मिथुन मांझी (Etv Bharat)

माउंटेन ने पहाड़ को काटकर बना दिया था रास्ता : दशरथ मांझी को माउंटेन मैन के नाम से जाना जाता है. उनके निधन के बाद उनके परिवार के लोगों की शिकायत रहती है, कि सरकार की ओर से सुविधा अत्यंत कम दी जाती है. कई फिल्म अभिनेताओं ने जो वादे किए, वह भी नहीं पूरे किए.

ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

दशरथ मांझी ने गहलोर घाटी के सैकड़ों फीट ऊंचे पहाड़ को छेनी हथौड़ी से काटकर रास्ता बना दिया था. इस रास्ते के बनने से कई गांव जुड़ गए. वहीं, कई किलोमीटर की दूरी कम हो गई. लगातार 22 वर्षों तक अनवरत छेनी हथौड़ी चलाकर बाबा दशरथ ने पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया था. पत्नी की याद में यह असंभव कार्य कर दिखाया था. आज गहलौर घाटी का यह रास्ता प्रेम का प्रतीक है.

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