गया : कहते हैं राजनीति भी बड़ी अजीब बला है. यह क्या ना करवा दे. अब देखिए ना, जो बेटी पिता को पापा-पापा कहते नहीं थकती थी, वही कह रही है, टिकट मिल जाए तो पिता के खिलाफ ताल ठोकेंगे.
पिता-पुत्री के बीच राजनीतिक जंग : दूसरे शब्दों में कहें तो महत्वाकांक्षा की आग ने पिता-पुत्री को दो राहों पर लाकर खड़ा कर दिया है. ये कहानी है माउंटेन मैन बाबा दशरथ मांझी के घर की. दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी कांग्रेस में क्या शामिल हुए, उनकी बेटी अंशु कुमारी कहने लगी हैं, जेडीयू टिकट दे तो पिताजी के खिलाफ मैदान में उतरेंगे.
''यदि कांग्रेस मेरे पिता को टिकट देती है, और यदि मुझे जेडीयू टिकट दे तो अपने पिता के खिलाफ चुनाव लड़ने में कोई एतराज नहीं है.''- अंशु कुमारी, भागीरथ मांझी की बेटी
क्यों हुआ ऐसा :अब आपको इस कहानी की पूरी पटकथा बताते हैं. भागीरथ मांझी पहले जेडीयू में शामिल हुए थे. लेकिन जदयू ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया तो वह दिल्ली जाकर कांग्रेस में शामिल हो गए. अब अंशु कुमारी का कहना है, कि हमारे दादा दशरथ मांझी ने नीतीश कुमार से जो भी मांगा था, उन्होंने दिया. किंतु मेरे पिता भागीरथ मांझी को टिकट देने का वादा पूरा नहीं किया.
''अच्छी बात है कि कांग्रेस ने कम से कम पिता जी के लिए सोचा है. यदि कांग्रेस मेरे पिता को टिकट देती है, तो वह चुनाव लड़ेंगे. यदि मुझे जेडीयू टिकट देती है, तो मैं भी चुनाव लडूंगी. क्या पिता-पुत्री एक- दूसरे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ते हैं?''- अंशु कुमारी, भागीरथ मांझी की बेटी
'पूरा परिवार ही जेडीयू के साथ': दशरथ मांझी की पोती और भागीरथ मांझी की पुत्री अंशु कुमारी का कहना है कि हमारा पूरा परिवार ही जेडीयू के साथ रहा है. बाबा दशरथ मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू ने काफी सम्मान दिया. पिता को गांव के ही कोई नेता लेकर दिल्ली गए थे. इसके बाद घर वालों को पता चला कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली है.