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लखनऊ की इस 2 किलोमीटर लंबी सड़क पर खतरा, ज्वालामुखी की तरह फट जाती है रोड, रोबोटिक सर्वे के बाद लगाई गई बांस बल्ली - Lucknow News

लखनऊ स्थित विकास नगर की करीब दो किलोमीटर लंबी सड़क कभी भी धंस (Road in Vikasnagar Lucknow) सकती है. पिछले डेढ़ साल में यह सड़क चार बार धंस चुकी है. सड़क के बीचो बीच जल संस्थान ने बैरिकेडिंग कर दी है.

सड़क पर लगाई गई बांस बल्ली
सड़क पर लगाई गई बांस बल्ली (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 5:29 PM IST

Updated : Aug 22, 2024, 5:54 PM IST

विकास नगर में दो किलोमीटर की सड़क परेशानियों का सबब (Video credit: ETV Bharat)

लखनऊ :राजधानी स्थित विकास नगर की करीब दो किलोमीटर लंबी सड़क लोगों के लिए परेशानियों का सबब बन चुकी है. यहां पर सड़क कभी भी धंस सकती है. जल संस्थान की ओर से पूरी सड़क के मध्य में बैरिकेडिंग कर दी गई है, ताकि लोग वाहन लेकर न आएं. पिछले डेढ़ साल में चार बार सड़क पर धंस चुकी है. इसके बावजूद यहां की पूरी सीवर लाइन को बदलने की जगह लोगों का आवागमन रोका जा रहा है. विकास नगर में मुख्य मार्ग और लाखों लोगों पर खतरा मंडरा रहा है, जबकि जिम्मेदार अभी भी कह रहे हैं कि अगले छह महीने तक ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी. फिलहाल तो यहां की सीवरेज लाइन को डायवर्ट करने के लिए डिटेल प्रोजेक्टर रिपोर्ट ही बनाई जा रही है.

सड़क के बीचो बीच लगाई गई बल्ली (Photo credit: ETV Bharat)

विकास नगर में भगवान शिव की प्रतिमा से लेकर लेबर अड्डे चौराहे तक लगभग दो किलोमीटर लंबा मुख्य मार्ग है. लगभग 60 फीट चौड़ी इस सड़क में जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिन्यूअल मिशन के तहत साल 2010 में जल निगम ने सीवर लाइन बिछाई थी. मगर लगभग 14 साल में ही यह सीवर लाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. उस समय दो किलोमीटर लंबी इस सीवर लाइन पर लगभग 50 करोड़ रुपए का खर्चा आया था. पिछले लगभग डेढ़ साल से लगातार इस सड़क पर जगह-जगह भूमिगत पाइप लाइन फट जाती है, जिससे सड़क पर गहरे गड्ढे हो जाते हैं. पिछला गड्ढा इसी वर्ष जनवरी में हुआ था, जब एक कार इसमें फंस गई थी और उसमें सवार व्यक्ति की जान पर बन आई थी. इसके बाद लगभग 3 महीने तक मरम्मत का काम चला था और सड़क को जैसे तैसे सही किया गया था. मगर जल निगम की मेंटेनेंस करने वाली निजी कंपनी की सलाह पर स्पष्ट किया गया था कि यहां पाइप लाइन अब बदलने योग्य है. ऐसा न होने की दशा में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. जिसके बाद में नगर निगम, जल निगम, जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग और नगर विकास विभाग की संयुक्त टीम ने यह निर्णय लिया गया कि सड़क के बीच के हिस्से को आवागमन से रोक दिया जाए ताकि हैवी ट्रैफिक इस पर ना चले. इसलिए 2 किलोमीटर लंबी सड़क पर जगह-जगह बांस बल्ली गाड़कर वाहनों का आवागमन रोक गया है. मगर पाइपलाइन कब बिछेगी इसका कोई समय तय नहीं है.

सड़क के बीचो बीच लगाई गई बांस बल्ली (Photo credit: ETV Bharat)


क्या कहते हैं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि :स्थानीय पार्षद राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि हाल ही में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, सचिव नगर विकास अजय शुक्ला के अलावा नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने यहां का निरीक्षण किया था. इसके बाद में शासन से इस परियोजना के लिए बजट मांगा गया है, ताकि सीवर लाइन को बदला जा सके. मगर पार्षद कहते हैं कि इस पूरे काम में अभी कम से कम छह महीने का समय लग सकता है. पार्षद का कहना है कि भूमिगत सीवरेज लाइन का रोबोटिक सर्वे कराया गया था, जिसमें यह पूरी लाइन खराब बताई गई थी.

दो किलोमीटर लंबी सड़क की सीवर लाइन जर्जर (Photo credit: ETV Bharat)



कुर्सी रोड के सृष्टि अपार्टमेंट में रहने वाले और यहां से रोज गुजरने वाले लखनऊ जनकल्याण महासमिति के वरिष्ठ पदाधिकारी विवेक शर्मा ने बताया कि निश्चित तौर पर यह बहुत बड़ी परेशानी का सबब है. यहां बाधा दौड़ जैसी स्थिति है. जगह-जगह बांस बल्ली लगाकर लोगों का आवागमन बाधित किया गया है. अगर यह सड़क खराब है तो इसको पूरी तरह से बंद कर दिया जाए. अगर सड़क चलानी है तो इसकी पाइप लाइन बदली जाए. यह तो एक ज्वालामुखी की तरह है जो कभी भी फट सकता है.



सेक्टर 5 विकास नगर में रहने वाले पवन ने बताया कि रात के समय इन बांस बल्ली से लड़कर कई वाहन चालक गिर चुके हैं. आए दिन हादसे होते रहते हैं. कई जगह बांस बल्ली टूट चुकी है.


शहर के कई इलाकों को मुख्य शहर से जोड़ता है यह मार्ग :अलीगंज सेक्टर एम, अलीगंज सेक्टर एन, पूरा विकास नगर इस सड़क से होकर रहीम नगर की ओर जाता है जहां से गोमती नगर और हजरतगंज का रास्ता मिलता है. पूरे दिन में इस सड़क से कम से कम 50 हजार से 75 हजार के बीच वाहन गुजरते हैं. लाखों लोगों का रोजाना आवागमन हो रहा है. इसके बावजूद सड़क का इस तरह का हाल है. यह लाखों लोग रोजाना इसी खतरे के बीच से गुजरते हैं.

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इस बारे में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है कि यह समस्या नगर निगम की नहीं है. इसके बावजूद सभी एजेंसियों के साथ संयोजन करके निकट भविष्य में समाधान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र नगर निगम का है, पाइपलाइन जल निगम की है और सड़क लोक निर्माण विभाग की. बजट शासन से प्राप्त होगा, जिसके लिए प्रयास किया जा रहा है.


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Last Updated : Aug 22, 2024, 5:54 PM IST

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