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ग्लोबल वॉर्मिंग से बढ़ रहा है खतरा, जानिए कैसे होगा विश्व का बचाव - Global warming

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 6, 2024, 7:49 PM IST

Danger is increasing due to global warming ग्लोबल वार्मिंग को लेकर भिलाई में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.जिसमें विशेषज्ञों ने दुनिया भर में हो रहे जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जाहिर की.साथ ही साथ इसे रोकने के उपाय भी बताएं.Global warming Seminar in Bhilai

Global warming
ग्लोबल वॉर्मिंग से बढ़ रहा है खतरा (ETV Bharat Chhattisgarh)

दुर्ग : ग्लोबल वॉर्मिंग आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़ा हुआ है. सिर्फ भारत ही नहीं पूरा विश्व इसकी चपेट में है. ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण मौसम में काफी बदलाव आया है. भारत के कई हिस्सों में गर्मी के दिनों में पारा 50 डिग्री के पार चला जाता है.वहीं उन जगहों पर जहां पहले कभी बारिश नहीं हुई वहां पानी का जलजला देखने को मिलता है.

विशेषज्ञों ने ग्लोबल वॉर्मिंग पर जाहिर की चिंता : इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए भिलाई में सेमिनार का आयोजन किया गया.जिसे भिलाई के स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया.डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी डीसीटी के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में देश भर के विख्यात विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. इस दौरान विशेषज्ञों ने बढ़ते जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त की. कार्यशाला के अंतिम दिन दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार, जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोफेसर शहजाद सिद्दीकी और मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के डॉक्टर विकास कुमार ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के साथ ही इसके समाधान पर प्रकाश डाला.

ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या से कैसे मिलेगी निजात ? (ETV Bharat Chhattisgarh)

'' ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण आज कई जगहों का तापमान बढ़ा है.ये बात गलत है कि हमारा नेचर इतना बड़ा है कि कार्बन उत्सर्जन का असर नहीं पड़ेगा.यदि ऐसा ना होता तो दिल्ली का तापमान 50 डिग्री के पार ना जाता. ना ही अरब देशों में मूसलाधार बारिश होती.ये सारी चीजें ग्लोबल वॉर्मिंग के संकेत हैं.''- प्रोफेसर अनिल कुमार, दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय


''ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हमारी प्रकृति प्रभावित हो रही है.हमें ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ना होगा.इसके लिए केंद्र ने सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन की नई तकनीक लॉन्च की है.साथ ही साथ लोगों को ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रति जागरुक किया जा रहा है.'' प्रोफेसर शहजाद सिद्दीकी जामिया मिलिया इस्लामिया

'' लोग ये सोचते थे कि घरों में सौर ऊर्जा से बिजली कौन लगवाएगा.लेकिन अब धीरे-धीरे ग्लोबल वॉर्मिंग को देखते हुए लोगों की सोच बदल रही है.लोग रीसाइकिल एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं.''डॉक्टर विकास कुमार मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान

आर्थिक सर्वेक्षण में सच आया है सामने :येल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज कम्युनिकेशन और सीटर इंटरनेशनल ने संयुक्त रूप से अमेरिका में 'क्लाइमेट चेंज इन द इंडियन माइंड-2023' रिपोर्ट जारी की है. अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण से पता चला है कि 90 फीसदी से ज्यादा आबादी इस बात को लेकर चिंतित है कि ग्लोबल वार्मिंग भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है. सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले कई लोगों ने कहा कि बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, पानी की गंभीर कमी, प्रदूषण, जानवरों की बीमारियां, अत्यधिक बारिश और सूखा ये सब ग्लोबल वार्मिंग के कारण हो रहा है.

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