मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: चंवारीडांड गांव में दिन ढलते ही लोग घरों में बंद होने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से भालुओं के हमले की घटनाएं बढ़ गई हैं. कई बार भालू घरों में घुसकर हमला कर चुके हैं.
भालू का डर: ग्रामीण पार्वती गुप्ता ने कहा, हमने वन विभाग को कई बार शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हमारे बच्चे तक सुरक्षित नहीं हैं.
लोगों को बड़ी दिक्कत हो रही है. दो तीन लोगों को भालू काट चुका है. हम चाहते हैं कि सुरक्षा मिले. घर के बाहर छोटे छोटे बच्चे खेलते रहते हैं-पार्वती गुप्ता, ग्रामीण
खतरे में ग्रामीणों का जीवन: गांव की निवासी अहिल्या सिंह ने बताया, "एक रात भालू हमारे घर की बाउंड्री लांघकर अंदर आ गया. मेरे बच्चे बाहर थे, वरना अनहोनी हो जाती." उन्होंने वन विभाग की अनदेखी पर नाराजगी जताई.
गांव में भालू लगातार आ रहे हैं, खतरा है, वन विभाग को जानकारी भी दिए हैं. कलेक्टर ऑफिस में भी आवेदन दिए हैं. उन्होंने आश्वासन दिया है-अहिल्या सिंह, ग्रामीण
गीता मिश्रा ने कहा कि भालू के चलते डर बना रहता है कि कहीं कोई हानि न पहुंचा दे, कोई दुर्घटना न हो जाए. छोटे छोटे बच्चे हैं. हमें ही रात में घर से बाहर निकलना पड़ता है, लेकिन डर लगता है. परसो ही हमारे घर में 5 भालू घुस गए थे. सभी को जानकारी है. वन विभाग के कर्मचारी हमारे मोहल्ले में ही रहते हैं.
दिन में तो भालू नहीं आता लेकिन रात आठ बजे तक भालू गांव में आ जाते हैं. हम रात आठ बजे के पहले ही दरवाजा बंद कर घर के अंदर ही रहते हैं-पार्वती गुप्ता, ग्रामीण
कई बार शिकायत कर चुके ग्रामीण: ग्रामीणों का यह भी कहना है कि वन विभाग का घेराव और शिकायतें कई बार कीं, लेकिन विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. वहीं वन परिक्षेत्र अधिकारी रामसागर कुर्रे का कहना है कि, "भालू के बच्चे बड़े हो जाएं, तब हम उचित कदम उठाएंगे."
हम कदम उठा रहे हैं. अभी भालू बच्चा है, बड़ा हो जाए फिर हम उसकी व्यवस्था करेंगे-रामसागर कुर्रे,वन परिक्षेत्र अधिकारी
अधिकारी ने दी ये सलाह: वन परिक्षेत्र अधिकारी रामसागर कुर्रे ने यह भी कहा कि लोग सावधान रहें. ज्यादा खुशबू वाला सामान घर में न रखें. जैसे ही भालू के आने की जानकारी लगे तो आग जला लें. आग जलाने से भालू वहां नहीं आएगा.