सागर।बुंदेलखंड की 4 संसदीय सीटों में दमोह लोकसभा सीट की बात करें, तो ये सीट एक तरह से भाजपा का गढ़ बन चुकी है. बुंदेलखंड का दमोह की पहचान एक धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगरी के रूप में है. यहां पर बांदकपुर में भगवान जागेश्वर नाथ का मंदिर बुंदेलखंड में आस्था का केंद्र है. वहीं जैन तीर्थ के रूप में मशहूर कुंडलपुर मंदिर भी प्रसिद्ध है. जहां बडे़ बाबा की प्रतिमा विराजमान है. इस सीट की बात करें, तो 2008 परिसीमन के बाद ये सीट एक तरह लोधी बाहुल्य सीट हो गयी है. राजनीतिक दल भी लोधी प्रत्याशियों को मौका देते हैं, क्योंकि इस लोकसभा की आठ सीटों में से सात सीटों पर लोधी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है.
दमोह लोकसभा सीट
2008 के परिसीमन के बाद दमोह लोकसभा सीट में सागर जिले की तीन रहली, देवरी और बंडा विधानसभा, दमोह की चार दमोह, पथरिया, हटा और जबेरा और छतरपुर की बड़ामलहरा सीट शामिल है. दमोह में पुरूष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 7 हजार 149 और महिला मतदाताओं की 9 लाख 14 हजार 853 और अन्य मतदाताओं की संख्या 18 है. इस तरह कुल मतदाता 19 लाख 22 हजार 20 है.
दमोह लोकसभा सीट का इतिहास
दमोह लोकसभा सीट की बात करें, तो दमोह लोकसभा 1962 में अस्तित्व में आयी थी. जब पहली बार दमोह सीट बनी, तो ये अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी. 1977 में हुई परिसीमन के बाद ये सीट अनारक्षित हो गयी और दमोह की 4, पन्ना की तीन और छतरपुर की एक सीट को शामिल किया गया. लोकसभा का नाम दमोह पन्ना लोकसभा दिया गया. 1977 में कांग्रेस की हार हुई और भारतीय लोकदल के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह सांसद बने थे. इसके बाद 1980 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और 1984 का चुनाव भी जीता, लेकिन 1989 में इस सीट पर भाजपा के लोकेन्द्र सिंह ने जो भाजपा की जीत का सिलसिला शुरू किया, तो अब तक कायम है.
2008 के परिसीमन में ये सीट नए स्वरूप में सामने आयी. जिसमें सागर की तीन रहली, बंडा और देवरी और दमोह की दमोह, पथरिया,हटा और जबेरा और छतरपुर की बड़ी मलहरा को शामिल किया गया. नए परिसीमन में ये लोकसभा सीट लोधी बाहुल्य लोकसभा सीट हो गयी और 2009 से यहां पर भाजपा के लोधी नेता लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं.
चुनाव परिणाम
लोकसभा चुनाव 2009: भाजपा के शिवराज सिंह लोधी 3 लाख 2 हजार 673 वोट मिले. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी चंद्रभान सिंह लोधी को 2 लाख 31 हजार 796 वोट मिले. इस तरह भाजपा के शिवराज सिंह लोधी 70 हजार 877 वोटों से चुनाव जीत गए.
लोकसभा चुनाव 2014:2014 में मोदी लहर के बीच दमोह लोकसभा से फिर भाजपा ने प्रहलाद पटेल (लोधी) को चुनाव मैदान में उतारा और उन्हें 5 लाख 13 हजार 79 वोट हासिल हुए. भाजपा के प्रहलाद पटेल ने अपने निकटतम प्रत्याशी कांग्रेस के चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह को 2 लाख 99 हजार 780 वोट मिले. इस तरह से कांग्रेस 2 लाख 13 हजार 299 मतो सें चुनाव हार गयी.
लोकसभा चुनाव 2019: लोकसभा चुनाव में एक बार फिर प्रहलाद पटेल को भाजपा ने टिकट दिया और इस बार उन्होंने 7 लाख 4 हजार 524 मत हासिल किए. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रताप सिंह को 3 लाख 51 हजार 113 वोट मिले. इस तरह प्रहलाद पटेल 3 लाख 53 हजार 411 मतों से चुनाव जीत गए.