दमोह: भाजपा का गढ़ माने जाने वाले बुंदेलखंड को मानो किसी की नजर लग गई है. दरअसल यहां पार्टी की गुटबाजी और आपसी खींचतान सतह पर आ गई है. सागर में दिग्गज नेताओं के बीच खींचतान और आरोप प्रत्यारोप लग रहे थे अब ये दमोह जिले में भी दिखाई दे रहा है. यहां अनुसूचित जाति की 3 बार की विधायक उमादेवी खटीक ने पार्टी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने पुलिस में शिकायत कर अपनी जान का खतरा बताया है. उन्होंने पार्टी और मुख्यमंत्री से भी शिकायत की है.
जनपद अध्यक्ष पद के उपचुनाव से जुड़ा है मामला
दरअसल पिछले हफ्ते हटा जनपद पंचायत अध्यक्ष पद का उपचुनाव हुआ था, क्योकिं हटा जनपद पंचायत के अध्यक्ष इंद्रपाल पटेल को 2018 के देवेन्द्र चौरसिया हत्याकांड में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इस आधार पर उन्हें पद से हटा दिया गया था. जनपद अध्यक्ष पद के उपचुनाव के दौरान सत्ताधारी दल भाजपा दो धड़ में बंटा नजर आया. एक तरफ हटा से भाजपा की लगातार 3 बार से विधायक उमादेवी खटीक थी तो दूसरी तरफ भाजपा से दमोह के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल थे.
दोनों प्रत्याशियों को मिले थे 8-8 वोट
भाजपा विधायक उमादेवी खटीक ने अध्यक्ष पद के लिए शैलेष पटेल का समर्थन किया तो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने गंगाराम पटेल का समर्थन किया. दिन भर चली चुनाव प्रक्रिया में ऐसे कई मौके आए जब भाजपा के ही दोनों गुट एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे और एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. इस दौरान हटा विधायक उमादेवी खटीक के मुर्दाबाद के नारे लगे उधर उपचुनाव में हुई वोटिंग में दोनों प्रत्याशियों को 8-8 वोटें मिलने से मुकाबला बराबरी पर छूटा. ऐसे में पर्ची निकाली गई, तो गंगाराम पटेल को निर्वाचित घोषित किया गया, जो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के समर्थन से चुनाव लड़ रहे थे.