पलामू:लोकसभा चुनाव को लेकर पलामू में सीआरपीएफ की दो कंपनी उपलब्ध करायी गयी है. एक कंपनी सीआरपीएफ की 112वीं बटालियन की है जबकि दूसरी कंपनी सीआरपीएफ की 172वीं बटालियन की है. सीआरपीएफ की एक कंपनी पलामू के मनातू में जबकि एक कंपनी हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में तैनात की गयी है. सीआरपीएफ के साथ-साथ आईआरबी और जैप के जवानों को भी तैनात किया गया है.
झारखंड-बिहार बॉर्डर के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है और पूरे इलाके को सैनिटाइज किया जा रहा है. पुलिस और सुरक्षा बलों ने मिलकर ऐसे कई इलाकों की पहचान की है जहां लैंड माइंस होने की आशंका है. ऐसे इलाकों में लैंड माइंस की तलाश शुरू कर दी गई है.
"सीआरपीएफ की दो कंपनियां मिली हैं, दोनों कंपनियों के माध्यम से इलाके में डिमाइनिंग का काम शुरू कर दिया गया है." - रिष्मा रमेशन, एसपी, पलामू
पलामू से हटाई गई सीआरपीएफ की बटालियन
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पलामू में सीआरपीएफ की पूरी बटालियन थी. कुछ माह पहले पलामू से सीआरपीएफ बटालियन को हटाकर सारंडा इलाके में तैनात किया गया है. पलामू में सीआरपीएफ 134 बटालियन की टीम पिछले एक दशक से नक्सल विरोधी अभियान की कमान संभाल रही थी. 2004-05 के बाद पहली बार सीआरपीएफ के बिना पलामू क्षेत्र में लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हुई.