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फरवरी की असामान्य गर्मी से भरतपुर की फसलें संकट में, सरसों, गेहूं के उत्पादन पर खतरा - RISING TEMPERATURE AFFECT ON CROPS

फरवरी में तापमान में बढ़ोतरी के चलते भरतपुर में सरसों और गेहूं के उत्पादन पर खतरे की आशंका है.

Rising temperature affect on crops
बढ़ते तापमान से फसलों पर संकट (ETV Bharat Bharatpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 15, 2025, 4:50 PM IST

भरतपुर:इस वर्ष फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान होने के कारण भरतपुर संभाग में रबी फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं और सरसों की फसल पर इसका सीधा असर पड़ सकता है, जिससे किसानों को उत्पादन में 5 से 7 प्रतिशत तक की गिरावट का सामना करना पड़ सकता है. वहीं सरसों के दाने में भी तेल की मात्रा प्रभावित हो सकती है.

बढ़ते तापमान से क्यों घबराए किसान (ETV Bharat Bharatpur)

कम सर्दी और अधिक तापमान बना वजह:कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि इस बार अन्य वर्षों की तुलना में सर्दी कम पड़ी और फरवरी में तापमान औसत से अधिक हो गया. मौसम विभाग के अनुसार, वर्ष 2024 में फरवरी माह का तापमान 23 डिग्री सेल्सियश तक रहा. वहीं इस वर्ष फरवरी में तापमान 28 डिग्री सेल्सियश तक पहुंच गया है. इसका असर विशेष रूप से गेहूं और सरसों की फसल पर देखने को मिल सकता है. उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल के लिए फरवरी माह में ठंड का बना रहना आवश्यक होता है, लेकिन अधिक गर्मी के कारण गेहूं के दानों की भराव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे उत्पादन में 5 से 7 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है.

भरतपुर जिले में रबी फसलों का रकबा (ETV Bharat Bharatpur)

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सरसों के दाने और तेल की मात्रा पर असर:देशराज सिंह ने बताया कि सरसों की फसल में इस समय दाना बनने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. ऐसे में फरवरी माह में गर्मी बढ़ने से सरसों के दाने का आकार छोटा रह सकता है और उसमें तेल की मात्रा में भी कमी हो सकती है. सरसों के अच्छे उत्पादन के लिए फरवरी में ठंडी और समशीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है, लेकिन इस बार तापमान में वृद्धि से किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

भरतपुर संभाग में कुल बुवाई (ETV Bharat Bharatpur)

किसानों को दिए गए सुझाव:देशराज सिंह ने किसानों को सुझाव दिया है कि वे गेहूं की फसल को अधिक तापमान से बचाने के लिए हल्की सिंचाई करें. हालांकि, सिंचाई करते समय विशेष ध्यान देना होगा कि हवा चलने के दौरान इसे न किया जाए, क्योंकि इससे फसल गिरने का खतरा बढ़ सकता है, जिससे उत्पादन में और अधिक गिरावट आ सकती है. इसके अलावा किसानों को थाई यूरिया और अन्य रसायनों का छिड़काव करने की सलाह दी गई है, ताकि फसल को जल्दी पकने से रोका जा सके. इससे उत्पादन में संभावित गिरावट को कुछ हद तक कम किया जा सकता है.

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किसानों की चिंता बढ़ी:भरतपुर संभाग के किसानों में इस बढ़ते तापमान को लेकर चिंता बढ़ गई है. भरतपुर जिले के किसान ओमप्रकाश ने बताया कि सरसों की फसल अच्छी बढ़ रही थी, लेकिन अब अचानक तापमान बढ़ने से दाने छोटे होने की आशंका है. वहीं, गेहूं उत्पादक किसान मनोज सिंह का कहना है कि यदि इसी तरह तापमान बढ़ता रहा, फसल पकाव प्रभावित होगा, जिससे गेहूं की पैदावार में भी कमी आ सकती है.

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