रांची:राजधानी रांची के कई कारोबारी रंगदारों के लाल स्याही के खौफ के आगे बेबस हैं. लाल स्याही से लिखा और इंटरनेट के जरिए बनाकर भेजे जा रहे धमकी भरे पत्र कारोबारियों के मन में खौफ पैदा कर रहे हैं, वहीं पुलिस की मुश्किलें भी बढ़ा रही हैं.
राजधानी में उग्रवादी गिरोह से लेकर बड़े अपराधी रंगदारी को लेकर इनदिनों कुछ ज्यादा ही एक्टिव हो गए है. बड़े आपराधिक गिरोहों के अलावा पीएलएफआई, टीपीसी और जेजेएमपी जैसे उग्रवादी संगठन भी रंगदारी मांग कर कारोबारियो में खौफ पैदा कर रहे हैं. पिछले एक महीने के भीतर झारखंड के पूर्व गृह सचिव के रिश्तेदार से लेकर आधे दर्जन लोगों को लाल स्याही से लिखी डिजिटल धमकी भरा पत्र मोबाइल पर मिल चुका है. किसी से दो करोड़, किसी से एक करोड़ तो किसी से 50 लाख की रंगदारी मांगी गई है. रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है.
इन लोगों को मिला लाल स्याही वाला लेटर
निशित केशरी- केशरी राज्य के एक गद्दावर आईएएस के रिश्तेदार हैं. 7 अगस्त 2024 को निशित केसरी के मोबाइल पर लाल स्याही से लिखा हुआ पत्र भेजकर एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है. इस मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
हेमन्त सिंह मुंडा- हेमंत सिंह मुंडा रांची अरगोड़ा इलाके में रहते हैं और बड़े कारोबारी हैं. 28 अगस्त 2024 को लाल स्याही से लिखे हुए पत्र के द्वारा मुंडा से दो करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है.
संजय कुमार- संजय कुमार रांची के नामी बिल्डरों में शुमार है. 28 अगस्त 2024 को ही संजय कुमार से भी लाल स्याही से लिखे हुए पत्र के जरिए एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है.
जगदीश प्रसाद- जगदीश प्रसाद रांची के सुखदेव नगर इलाके में रहने वाले हैं और जमीन कारोबारी हैं. जगदीश प्रसाद के पार्टनर की हत्या पूर्व में हो चुकी है. 7 अगस्त 2024 को जगदीश प्रसाद से भी लाल स्याही से लिखे हुए पत्र के जरिए एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है.
फिलहाल किसी मामले का खुलासा नहीं
लाल स्याही से लिखे जितने भी धमकी भरे पत्र कारोबारियों को मिले हैं वे सभी उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के द्वारा लिखे गए हैं. सभी को भेजने के लिए इंटरनेट और वर्चुअल नम्बर का इस्तेमाल किया गया है, इसी वजह से अब तक किसी भी मामले का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई है.
इंटरनेट कॉल बनी पुलिस के लिए अबूझ पहेली
अपराधी-नक्सली इन दिनों इंटरनेट कॉल का इस्तेमाल कर रंगदारी और धमकी के लिए कॉल कर रहे हैं. तकनीक की जानकारी रखने वाले बदमाश टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इंटरनेट कॉलिंग कर रहे हैं. फेक नंबर से आने वाली कॉल को ट्रैक कर पाना आसान नहीं होता है. इंटरनेट से आने वाली कॉल रांची पुलिस के लिए आफत बन रही है.