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कार में लिफ्ट देकर ठगी करने वाले 3 शातिर गिरफ्तार, गढ़वाली बोलने से झांसे में आ जाते थे भोले-भाले लोग - Car Lift Loot in Rishikesh - CAR LIFT LOOT IN RISHIKESH

Rishikesh Car Lift Loot Accused Arrest अगर आप भी थोड़े से पैसे बचाने के लिए लिफ्ट मांगकर सफर करते हैं तो सावधान हो जाइए. ऐसे ही एक मामले में तीन शातिर लोगों को गिरफ्तार किया गया है. खास बात ये है कि इनमें एक आरोपी गढ़वाली बोलने वाला उत्तराखंड का ही निवासी है, जो गढ़वाली में बात कर पहाड़ के भोले-भाले लोगों को लिफ्ट देकर कार में बैठाता था, फिर शातिराना तरीके से सामान बदल कर रास्ते में उतार देते थे.

Car Lift Loot Uttarakhand
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (फोटो- Police)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 15, 2024, 12:20 PM IST

ऋषिकेश: आखिरकार ऋषिकेश में लिफ्ट देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार हो गए हैं. जिनके कब्जे से पुलिस ने कैश और सोने की चेन बरामद की है. पुलिस ने ठगी में इस्तेमाल कार को भी सीज कर दिया है. खास बात ये है कि ये लोग गढ़वाली बोलकर भोले-भाले लोगों को अपने कार में बैठाते थे, फिर रास्ते में उनका सामान बदल देते थे. इसके बाद कुछ दूर जाकर बहाना बनाकर उन्हें गाड़ी से उतार देते थे.

देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ऋषिकेश में लिफ्ट देकर वाहन में ठगी करने की दो घटनाएं सामने आई थी. इस मामले में खिलानंद नौटियाल और चेतूराम ने पुलिस में तहरीर दी थी. दोनों घटनाओं में सोने की चेन और 61 हजार रुपए नकद की ठगी हुई थी. पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ठगों की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू किए. जिसके बाद कोतवाल राजेंद्र सिंह खोलिया और एसओजी प्रभारी शंकर सिंह बिष्ट की टीम ने खांड गांव के पास से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

लिफ्ट देकर ठगी करने वाले आरोपियों के नाम-

  1. अब्दुल मलिक, निवासी- दिल्ली
  2. मोहम्मद कासिफ, निवासी- दिल्ली
  3. जगत सिंह, निवासी- चमोली, उत्तराखंड

गढ़वाली बोलकर लोगों को कार में बैठाता था जगत सिंह:पूछताछ में पता चला कि जगत सिंह पहले भी डोईवाला और नेहरू कॉलोनी थाने से इसी प्रकार के मामले में जेल की हवा खा चुका है. तीनों आरोपी बस अड्डे में पहाड़ जाने वाले भोले वाले यात्रियों को अपनी ठगी का शिकार बनाते थे. इसमें मुख्य रूप से जगत सिंह गढ़वाली बोलकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था, फिर उन्हें कार में बैठा लेते थे.

इसके बाद आगे चलकर चेकिंग का बहाना बनाकर उनके सारे पैसे और जेवरात एक लिफाफे में रखवा देते थे. फिर शातिराना तरीके से उस लिफाफे को बदल देते थे. कुछ दूर जाकर फिर कुछ बहाना बनाकर उन्हें कार से उतार देते थे. गढ़वाली में बात करने पर पहाड़ के भोले भाले लोग आसानी से कार में बैठ भी जाते थे. जिसके बाद उनके साथ ठगी हो जाती थी.

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