जयपुर : प्रतापगढ़ जिले की 11 वर्षीय प्रतिभावान क्रिकेट खिलाड़ी सुशीला मीणा इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं. उनके गेंदबाजी एक्शन का वीडियो क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया है. सचिन की इस प्रशंसा के बाद सुशीला पूरे देश में सुर्खियां बटोर रही हैं.
राजस्थान के खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने सुशीला से फोन पर बातचीत कर उनके खेल कौशल और उपलब्धियों की सराहना की. मंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सुशीला को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण और हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी, ताकि वह अपने सपनों को साकार कर सकें. उन्होंने कहा कि सुशीला ने अपनी मेहनत और समर्पण से जो मुकाम हासिल किया है, वह युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है. मंत्री ने यह भी कहा कि यदि बेटियों को सही अवसर और संसाधन दिए जाएं, तो वे वैश्विक स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकती हैं.
सुशीला मीणा से राज्यवर्धन सिंह ने फोन पर बातचीत की (ETV Bharat Jaipur) इसे भी पढ़ें-राजस्थान की 12 साल की सुशीला मीणा की गेंदबाजी ने मचाई धूम, सचिन तेंदुलकर भी हुए फैन
प्रतापगढ़ जिला क्रिकेट संघ का उत्साह :प्रतापगढ़ जिला क्रिकेट संघ के सचिव पिंकेश पोरवाल ने कहा कि भरत रत्न और महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर द्वारा सुशीला के गेंदबाजी एक्शन और प्रतिभा की सराहना से पूरा संघ बेहद गर्वित और उत्साहित है. संघ के अध्यक्ष और राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री हेमंत मीणा ने सुशीला के घर जाकर उनका उत्साहवर्धन किया. हेमंत मीणा ने सुशीला की प्रतिभा को सराहते हुए उन्हें क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण और उच्चस्तरीय खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि सुशीला की मेहनत और खेल के प्रति जुनून से यह साबित होता है कि राजस्थान के छोटे जिलों में भी विश्वस्तरीय खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं.
मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने की योजना :प्रतापगढ़ जिला क्रिकेट संघ के सचिव पिंकेश पोरवाल ने बताया कि संघ जल्द ही राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सुशीला की मुलाकात करवाने की योजना बना रहा है. मुख्यमंत्री को सुशीला की प्रतिभा और उनकी प्रगति के लिए संघ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी. संघ इस बैठक में मुख्यमंत्री से सुशीला को और बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने की मांग करेगा.
सुशीला की उपलब्धियों और उनके खेल में गहरी रुचि ने न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में खेल के क्षेत्र में नए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं. उनकी कहानी यह संदेश देती है कि यदि सही मार्गदर्शन और समर्थन मिले, तो ग्रामीण भारत की बेटियां भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमक सकती हैं.