शिमला: हिमाचल में 4 संसदीय सीटों सहित विधानसभा की 6 सीटों के लिए आखिरी चरण में 1 जून को मतदान समाप्त हो गया. ऐसे में अब लोकसभा में चुनाव मैदान में डटे 37 उम्मीदवारों और विधानसभा उपचुनाव में किस्मत आजमा रहे 25 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है. चुनावी नतीजे अब 4 जून को घोषित होंगे.प्रदेश में मतदान संपन्न होने के बाद लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे सभी 62 प्रत्याशियों की धड़कने भी बढ़ने लगी हैं. हिमाचल में कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रचार करने आए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी की साख भी दाव पर लगी है. प्रदेश में इन तीनों ही नेताओं की 9 चुनावी जनसभाओं सहित 2 रोड शो हुए हैं.ऐसे में राष्ट्रीय स्तर के नेता लोगों तक अपनी बात पहुंचने में कितने सफल रहे , ये 4 जून को घोषित होने वाले चुनावी नतीजे ही बताएंगे?
प्रियंका गांधी ने की सबसे अधिक रैलियां
प्रियंका गांधी वाड्रा की चुनावी जनसभाओं के लिए सबसे अधिक डिमांड रही. कांग्रेस की तरफ से वो राष्ट्रीय स्तर की एक मात्र ऐसी नेता थी , जिन्होंने हिमाचल में सबसे अधिक 6 चुनावी जनसभाओं सहित 2 रोड शो किए हैं.प्रियंका गांधी 27 मई को पहली जनसभा कांगड़ा लोकसभा के तहत चंबा में हुई. इसी दिन उन्होंने शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चंबी में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी आनंद शर्मा के लिए वोट मांगे. इसके बाद 28 मई को हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के तहत गगरेट और कुटलैहड़ में प्रियंका गांधी की चुनावी जनसभा हुई थी.वहीं इसी दिन उनका बड़सर में रोड शो भी था.इसके अलावा प्रियंका गांधी ने 29 मई को मंडी लोकसभा के तहत पहले कुल्लू में चुनावी जनसभा को संबोधित किया और इसके बाद सुंदरनगर में उनकी रैली हुई.30 मई को प्रियंका गांधी का शिमला संसदीय क्षेत्र से विनोद सुल्तानपुरी के पक्ष में सोलन में आखिरी रोड शो हुआ.इस दौरान प्रियंका गांधी के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी सबसे अधिक रहे.उन्होंने हिमाचल में आई आपदा के दौरान केंद्र से मदद न देने, प्रदेश सरकार को गिराने में साजिश रचने, अग्निवीर योजना, समाज को धर्म और जाति के नाम पर बांटने व अंबानी व अडानी जैसे खरब पतियों के कर्ज माफी माफ करने को लेकर पीएम मोदी को घेरा. 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला था और कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी. कांग्रेस को इस लोकसभा और उपचुनाव में भी कुछ ऐसी ही उम्मीद है.
राहुल गांधी की दो और खड़गे की एक चुनावी जनसभा