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जसुपर निराकोट सड़क कटिंग से लोगों के घरो में आई दरारें, दहशत में आए ग्रामीण - Cracks on Houses Uttarkashi

Cracks in Silyan Village Due to Road Cutting उत्तरकाशी में जसुपर निराकोट सड़क कटिंग मुसीबत बन गया है. आरोप है कि सड़क कटिंग के काम से लोगों के घरों में दरारें आ गई है. जिससे लोग दहशत में आ गए हैं. सिल्याण गांव में तो भूस्खलन भी हो रहा है.

Cracks appeared in Houses of Silyan Village
सिल्याण गांव में दरार

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 19, 2024, 6:00 PM IST

उत्तरकाशी: इन दिनों जसुपर निराकोट सड़क कटिंग का काम चल रहा है, लेकिन कटिंग के दौरान गांव के नीचे भूस्खलन हो रहा है. जिसके कारण पहाड़ी के ऊपर बसे गांव के मकानों में दरारें आने लगी है. जो कि बरसात के दौरान किसी बड़ी हादसे का सबब बन सकता है. वहीं, ग्रामीण डीएम और संबंधित विभाग को मामले की जानकारी दे चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सूचना देने के बाद भी मौके पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है. इससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है. जिसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी.

मकान पर दरार

निराकोट के ग्राम प्रधान जितेंद्र गुसांई ने बताया कि जसपुर निराकोट सड़क कटिंग के दौरान सिल्याण गांव के नीचे कई दिनों से हल्का-हल्का भूस्खलन हो रहा था. जिसने मंगलवार सुबह बड़ा रूप ले लिया. मंगलवार सुबह सिल्याण गांव में उस समय डर का माहौल बन गया, जब सुबह तड़के चार बजे भूस्खलन के कारण दो बड़े चीड़ के पेड़ गिर गए. जिस कारण पहाड़ी के ऊपर बने मकानों में चौड़ी दरारें आ गई. उन्होंने बताया कि सिल्याण गांव के पांच भवनों में दरारें आने के कारण ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है. हल्की सी बरसात में भी यह बड़ी आपदा का रुप ले सकता है.

हर तरफ नजर आ रही दरार

जितेंद्र गुसांई ने आरोप लगाया कि घटना की सूचना लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी के अधिकारियों को दी गई, लेकिन पूरे दिन भर कोई मौके पर नहीं पहुंचा. इस स्थान पर सड़क कटिंग शुरू होते ही भूस्खलन शुरू हो गया था. ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से मांग की थी कि कटिंग के साथ सुरक्षात्मक कार्य भी करें, लेकिन विभाग अपनी मनमानी करता रहा. जिस कारण अब ग्रामीणों के भवनों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है. उन्होंने लोनिवि विभाग से सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की.

जसुपर निराकोट सड़क कटिंग

"सड़क कटिंग के कारण पहाड़ी का मलबा नीचे आ रहा है. रोजाना विभाग के जेई साइट पर तैनात रहते हैं. अगर भवनों में दरारें आई हैं तो उसके निरीक्षण के लिए एई और जेई को निर्देशित किया गया है."- नीरज अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, लोनिवि भटवाड़ी

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