पिथौरागढ़: विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) शंकर राज की कोर्ट ने किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 80 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड जमा नहीं करने की स्थिति में दोषी को 3 वर्ष की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी.
पिथौरागढ़ निवासी एक व्यक्ति ने 19 फरवरी को पुलिस में दी तहरीर में कहा कि 17 वर्षीय 12वीं में पढ़ने नाबालिग बेटी घर से लापता हो गई थी. तहरीर के आधार पर कोतवाली पिथौरागढ़ में केस दर्ज किया था. इसके बाद पूरे मामले में पुलिस जांच पड़ताल में सामने आया कि किशोरी को मो. समीर निवासी वार्ड नंबर आठ इस्लामनगर उमरुखुर्द थाना खटीमा, उधम सिंह नगर के सोशल मीडिया से दोस्ती कर उसको बहला फुसलाकर टनकपुर ले गया. जहां किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
किशोरी के बयान और जांच पड़ताल के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 363/366/376 और 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की. परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया तब से यह मामला न्यायालय में चल रहा था. विशेष सत्र न्यायाधीश ने सभी पक्षों और गवाहों को सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता की 376 के साथ-साथ विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए 10 साल की कठोर कारावास और 80 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है.
दोषी को अर्थदंड जमा नहीं करने की स्थिति में 3 वर्ष अतिरिक्त और सजा भुगतनी होगी. न्यायाधीश ने कहा कि यदि अभियुक्त अर्थदंड की धनराशि जमा करता है तो उसमें से 60 हजार रुपये पीड़िता को बतौर प्रतिकर दिए जाएंगे.
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