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आगरा आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार ; छह पुलिसकर्मियों के निलंबित होने के बाद उजागर हुआ वसूली और हिस्सेदारी खेल

Action on liquor smuggling in Agra : आबकारी विभाग के चार निरीक्षकों को सिर्फ नोटिस जारी करने से कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई है.

आगरा आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार.
आगरा आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार. (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 8, 2024, 1:39 PM IST

आगरा :ताजनगरी के बहुचर्चित जगदीशपुरा जमीन कांड के बाद आबकारी विभाग में एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई हुई है. वसूली और महीनेदारी की हिस्सेदारी को लेकर गुरुवार देर शाम आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श कुमार सिंह के आदेश पर एक प्रधान सिपाही समेत छह सिपाही निलंबित किए गए हैं. साथ ही चार निरीक्षकों पर कार्रवाई के नाम पर की गई खानापूर्ति ही चर्चा का विषय बन गई है. निरीक्षकों को सिर्फ नोटिस जारी किए गए हैं. पहली जांच में निरीक्षकों की ​शह पर महीनेदारी का पूरा खेल चल रहा था. जिससे शराब की दुकानों से हरियाणा से तस्करी करके लाई जा रही शराब बेची जा रही थी.



बता दें, अक्टूबर में आबकारी विभाग में वसूली में हिस्सेदारी को लेकर सिपाही और आबकारी निरीक्षकों का घमासान उजागर हुआ था. यह काम मुख्यालय के अधिकारियों के नाक के नीचे चल रहा था. 22 अक्टूबर को शराब की हर दुकान से एक हजार से लेकर 1500 रुपये की महीनेदारी और वसूली में हिस्सेदारी को लेकर मंटोला स्थित आबकारी भवन में सिपाहियों में विवाद हुआ था. इसमें एक प्रधान सिपाही ने महिला सिपाही को थप्पड़ मार दिया था. जिसके बाद खूब हंगामा हुआ था. मामला संयुक्त आबकारी आयुक्त एसपी चौधरी तक पहुंचा तो मामले की जांच हुई थी जिसमें किसी को भी दोषी नहीं माना गया.


प्रमुख सचिव ने मांगी रिपोर्ट, कमेटी बनाकर हुई जांच

संयुक्त आबकारी आयुक्त एसपी चौधरी के अनुसार इस मामले में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद ने आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श कुमार सिंह से वसूली और महीनेदारी में हिस्सेदारी को लेकर रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद सहायक आबकारी आयुक्त धर्मेंद्र नारायण की निगरानी में सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी. जांच कमेटी ने 55 सिपाहियों और 35 प्रधान सिपाहियों से पूछताछ की. रिपोर्ट से वसूली की हिस्सेदारी को लेकर मारपीट का विवाद सामने आया था. जांच में खुलासा हुआ कि आगरा में शहरी क्षेत्र से लेकर देहात क्षेत्र की शराब की दुकानों से महीनेदारी वसूली जा रही है. जिसमें आबकारी निरीक्षकों की भूमिका संदिग्ध है. आबकारी निरीक्षक की उदासीनता के चलते ही आबकारी सिपाही दुकानों से वसूली करते हैं. इसकी कई बार शिकायतें भी हुईं, मगर आबकारी निरीक्षकों ने कार्रवाई नहीं की. रिपोर्ट के मुताबिक आगरा के सेक्टर एक, दो और सर्किल चार को लेकर सबसे अधिक विवाद मिले.



जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई

आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श कुमार सिंह ने जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर संयुक्त आबकारी आयुक्त एसपी चौधरी ने आबकारी सिपाही पायल सचान, अल्पना, रचना, शोभा, बालेंद्र कुमार, प्रधान सिपाही पंकज कुमार पुंडीर को निलंबित किया है. साथ ही चार निरीक्षकों को नोटिस जारी किए गए हैं. जिन निरीक्षकों को नोटिस दिए गए हैं. उनमें ट्रांस यमुना और एत्माद्दौला सेक्टर एक की आबकारी निरीक्षक अनुराधा कुमारी, न्यू आगरा और कमला नगर सेक्टर दो के निरीक्षक अमित कुमार पटेल, जगदीशपुरा और लोहामंडी सेक्टर चार के निरीक्षक इंद्रजीत गर्ग, खेरागढ़ और कागारौल सर्किल नंबर चार के निरीक्षक आकाश तिवारी शामिल हैं. हालांकि कार्रवाई के नाम पर निरीक्षकों पर सिर्फ नोटिस को लेकर आबकारी विभाग में खूब चर्चा हो रही है.



अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहा था खेल

बता दें, मंटोला में आबकारी भवन में संयुक्त आबकारी आयुक्त एसपी चौधरी, जिला आबकारी अधिकारी नीरज द्विवेदी, सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन एक धर्मेंद्र नारायण, सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन दो चतर सेन, सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन तीन पीसी दीक्षित के कार्यालय हैं. अधिकारियों की नाक के नीचे वसूली में हिस्सेदारी का खेल चल रहा था. इसके बावजूद इसे रोकने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया.

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