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जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023: आरक्षण मानकों की अनदेखी से बढ़ा विवाद - जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023

Controversy on reservation standards. जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के लिए निकाले गए विज्ञापन से ओबीसी वर्ग छात्रों में नाराजगी है. कई छात्रों का कहना है कि परीक्षा के लिए निकाले गए विज्ञापन में आरक्षण के मापदंडों की अनदेखी की गई है.

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JPSC Civil Services Exam 2023

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 7, 2024, 3:43 PM IST

रांची:परीक्षा आयोजन में गड़बड़ी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहनेवाला झारखंड लोक सेवा आयोग एक बार फिर विवादों में है. दरअसल, काफी जद्दोजहद के बाद पिछले दिनों निकली जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के विज्ञापन में आरक्षण मानकों का पालन नहीं करने की बात कही जा रही है. आयोग द्वारा जारी विज्ञापन पर नजर डालें तो पुलिस उपाधीक्षक सहित कई ऐसे पद हैं जिसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग को नजरअंदाज किया गया है और इनके लिए एक भी पद नहीं हैं. कुल 342 पदों के लिए निकाली गई इस भर्ती में मात्र 15 पद अत्यंत पिछड़ा वर्ग-01 के लिए और पिछड़ा वर्ग 2 के लिए 24 पद निर्धारित किए गए हैं.

पदनाम कुल पद ओबीसी 1 ओबीसी 2

  • उप समाहर्ता 207 09 16
  • पुलिस उपाधीक्षक 35 00 00
  • राज्य कर पदाधिकारी 56 03 05
  • काराधीक्षक 02 00 00
  • झा. शिक्षा सेवा 10 01 01
  • जिला समादेष्टा 01 00 01
  • सहा.निबंधक 08 00 00
  • श्रम अधीक्षक 14 01 02
  • प्रोबेशन पदाधिकारी 06 00 00
  • निरीक्षक उत्पाद 03 00 00

नाराज छात्रों ने जेपीएससी और कार्मिक से की शिकायतः जेपीएससी द्वारा जारी विज्ञापन के पदों में रोस्टर नियमावली उल्लंघन का आरोप लगाते हुए नाराज छात्रों ने झारखंड लोक सेवा आयोग और कार्मिक विभाग के सचिव से शिकायत की है. छात्रों का मानना है कि जेपीएससी द्वारा निकाले गए विज्ञापन में 342 पदों में से अत्यंत पिछड़ा वर्ग-01 के लिए आरक्षण आठ प्रतिशत निश्चित है. इसके अनुसार पदों की संख्या 27 होनी चाहिए, जबकि विज्ञापन में 15 पदों का उल्लेख है, जो चार प्रतिशत के करीब है. छात्रों का मानना है कि सरकार के द्वारा निर्धारित आरक्षण से भी यह कम निर्धारित की गई है.

छात्रों ने कहा-ओबीसी वर्ग के साथ हुआ अन्यायः इस संबंध में छात्र हिमांशु कुमार महतो ने कहा कि सरकार ने ओबीसी वर्ग के छात्रों के साथ अन्याय किया है. जिस तरह से सरकारी प्रावधान है उसके तहत आरक्षण मापदंड का पालन नहीं किया गया है. वहीं अजय कुमार कहते हैं कि जेपीएससी और राज्य सरकार के कार्मिक विभाग को इस संबंध में विशेष प्राथमिकता देकर विज्ञापन को संशोधित करना चाहिए. छात्र पंकज कुमार ने कहा है कि यदि सरकार के द्वारा समय रहते इसमें संशोधन नहीं किया जाता तो एक बार फिर यह परीक्षा विवादों में फंसेगा. ऐसे में समय रहते सरकार को इस पर गहन विचार करते हुए जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए. इन सबके बीच जेपीएससी के द्वारा ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.आवेदन की अंतिम तारीख 29 फरवरी है और 17 मार्च को पीटी परीक्षा आयोजित करने की तैयारी की जा रही है.

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