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सुंदरता के लिए सर्जरी बताकर क्लेम खारिज, आयोग ने बीमा कंपनी पर लगाया हर्जाना - CONSUMER COURT ORDER

जयपुर में जिला उपभोक्ता आयोग ने महिला की ओर से कराई सर्जरी को सुंदरता के लिए बताकर उसका मेडिक्लेम खारिज करने को गलत माना है.

Consumer Court order
जिला न्यायालय जयपुर (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 22, 2025, 8:33 PM IST

जयपुर:जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम ने महिला मरीज की ओर से कराई सर्जरी को सुंदरता के लिए बताकर उसका मेडिक्लेम खारिज करने को गलत माना है. इसके साथ ही आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिए हैं कि वह बीमा क्लेम की 2.71 लाख रुपए की राशि नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करे. इसके अलावा आयोग ने मानसिक संताप और परिवाद व्यय के तौर पर तीस हजार रुपए परिवादी को अतिरिक्त अदा करने को कहा है.

आयोग अध्यक्ष डॉ. सूबे सिंह यादव और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह आदेश सुधा रावत व अन्य के परिवाद पर दिए. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि जीवन बचाने के लिए वजन कम कराने की सर्जरी को सुंदरता बढ़ाने के लिए बताकर क्लेम से इनकार नहीं किया जा सकता.

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परिवाद में कहा गया कि सत्यप्रकाश ने स्वयं और अपनी पत्नी सुधा के लिए विपक्षी बीमा कंपनी से मेडिक्लेम लिया था. इसकी अवधि 5 जनवरी, 2018 से 4 जनवरी, 2019 तक थी. वहीं, परिवादी सुधा की बीमारी से वजन कुछ दिनों में ही 75 से बढ़कर 102 किलोग्राम हो गया. इसके साथ ही उसे सांस लेने में भी परेशानी होने लगी. इस पर उसने चिकित्सक की सलाह से इंदौर के निजी अस्पताल में 18 सितंबर, 2018 को सर्जरी कराई.

इसके ऑपरेशन में 2.71 लाख रुपए खर्च हुए. जब परिवादी ने इस राशि के पुनर्भरण के लिए बीमा कंपनी से संपर्क किया तो बीमा कंपनी ने यह कहते हुए क्लेम राशि देने से इनकार कर दिया कि उसने अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए मोटापे का ऑपरेशन कराया है. ऐसे में वह बीमा शर्त के तहत क्लेम राशि लेने की हकदार नहीं है.

परिवाद में कहा गया कि वह 58 साल की महिला है और उसने चिकित्सक की सलाह पर अपना जीवन बचाने के लिए सर्जरी करवाई है. इसको कॉस्मेटिक सर्जरी में शामिल नहीं किया जा सकता. इसलिए उसे क्लेम राशि का भुगतान और मानसिक संताप के तौर पर मुआवजा दिलाया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने बीमा कंपनी पर हर्जाना लगाते हुए क्लेम राशि ब्याज सहित अदा करने को कहा है.

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