हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

हरियाणा में कॉल ड्रॉप पर 5 लाख का जुर्माना, कंज्यूमर कोर्ट ने दे डाला बड़ा आदेश - CONSUMER COURT ORDER FOR 5LAKH FINE

हरियाणा के चरखी दादरी में कंज्यूमर कोर्ट ने कॉल ड्रॉप होने पर टेलिकॉम कंपनी को 5 लाख का जुर्माना देने के आदेश दिए हैं.

Consumer Court in Charkhi Dadri ordered to pay Rs 5 lakh to the consumer in case of network call drop
हरियाणा में कॉल ड्रॉप पर 5 लाख का जुर्माना (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 5 hours ago

चरखी दादरी : टेलिकॉम कंपनियों के उपभोक्ताओं को कई दफा कॉल ड्रॉप के इश्यू से दो-चार होना पड़ता है लेकिन वे मन मसोस कर रह जाते हैं. लेकिन हरियाणा के चरखी दादरी में कॉल ड्रॉप होने पर कंज्यूमर कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनी को उपभोक्ता को 5 लाख रुपए देने का आदेश दिया है.

कॉल ड्रॉप पर जुर्माना :चरखी दादरी जिले में नेटवर्क और कॉल ड्रॉप की समस्या से कई लोग जूझ रहे हैं. ऐसे में एक उपभोक्ता ने कॉल ड्रॉप मामले में परेशान होने के बाद कंज्यूमर कोर्ट की शरण ली. दादरी के उपभोक्ता अदालत ने उपभोक्ता को दूरसंचार कंपनी से 5 लाख रुपए की राशि मुआवजे के रूप में दिलवाई है. साथ ही कहा है कि अगर ये कंपनी अगर 45 दिन के अंदर याचिका को राशि नहीं देती है तो उसे 9 प्रतिशत ब्याज़ का भुगतान भी कंपनी को करना पड़ेगा.

हरियाणा में कॉल ड्रॉप पर 5 लाख का जुर्माना (Etv Bharat)

कंज्यूमर कोर्ट का फैसला :एडवोकेट संजीव तक्षक ने बताया कि वे निजी टेलिकॉम कंपनी के सिमकार्ड का इस्तेमाल करते थे. उसमें नेटवर्क और कॉल ड्रॉप समेत कई समस्याएं रहती थीं. कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर शिकायत भी उन्होंने दर्ज कराई लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. इसके बाद मार्च 2022 में उन्होंने दादरी उपभोक्ता फोरम की शरण ली. वहां कोर्ट ने दोनों पक्षाें की सुनवाई की और 18 दिसंबर को उपभोक्ता के हक में फैसला सुना दिया. कोर्ट ने आदेश दिए कि नेटवर्क की खामियों के चलते उपभोक्ता को जो मानसिक, शारीरिक और वित्तीय परेशानी झेलनी पड़ी, उसके एवज में दूरसंचार कंपनी को 5 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर 45 दिन के भीतर उपभोक्ता को देने होंगे वर्ना उसे 9 प्रतिशत ब्याज के साथ कंपनी को ये राशि देनी पड़ेगी.

अदालत जाएंगे तो मिलेगा न्याय :अधिवक्ता संजीव तक्षक ने बताया कि आम आदमी जागरूकता के अभाव में कई बार अपनी संवैधानिक शक्तियों और अधिकारों का इस्तेमाल नहीं करता है जबकि अदालत की शरण लेने पर उसे न्याय जरूर मिलता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details