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शिमला में बनेगा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 'उड़न खटोला', जानें इसकी 20 खूबियां - SHIMLA TARADEVI ROPEWAY

शिमला में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे बनने जा रहा है. इससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी साथ ही शहर की तस्वीर भी बदलेगी.

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शिमला में बनेगा दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे (कॉन्सेप्ट इमेज)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 16, 2024, 4:06 PM IST

Updated : Oct 16, 2024, 7:14 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की देश और दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर बहुत ही खास जगह है. ये सैलानियों का पसंदीदा पर्यटन स्थल रहा है और हर साल लाखों पर्यटक शिमला पहुंचते हैं लेकिन इस शहर की तस्वीर अब बदलने वाली है. इसमें सबसे अहम रोल होगा उस 'उड़न खटोले' का जिसपर लोग हवा में सफर करेंगे. आने वाले वक्त में शिमला की पहचान दुनिया के सबसे बड़े या लंबे रोपवे वाले शहर के रूप में होगी. इस रोपवे की बदौलत शिमला शहर स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया सरीखे उन शहरों की सूची में शामिल होगा जहां कई किलोमीटर का सफर लोग हवा में करेंगे. जिससे यहां आने वाले लाखों पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सहूलियत होगी. शिमला में बनने वाला ये रोपवे दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा.

रोपवे से जुड़ी कुछ खास बातें

  1. परियोजना की कुल लागत 1734.40 करोड़ है.
  2. इसे न्यू डवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी और राज्य सरकार के सहयोग से बनाया जाएगा.
  3. 80% फंडिंग एनडीबी की होगी और 20% शेयर राज्य सरकार का होगा.
  4. ये एशिया का सबसे लंबा और दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा.
  5. इस रोपवे की लंबाई 13.79 किलोमीटर होगी, इसे तारा देवी शिमला रोपवे के नाम से जाना जाएगा.
  6. शुरुआती चरण में इस सिस्टम में 222 कैबिन लगाए जाएंगे और कंप्लीट स्टेज पर 660 कैबिन होगें.
  7. हर कैबिन में 8 से 10 लोगों को ले जाने की होगी क्षमता
  8. दुनिया का सबसे लंबा रोपवे दक्षिणी अमेरिकी देश बोलीविया में है, ये 32 किलोमीटर के करीब है.
  9. रोपवे में शिमला की आम जनता के लिए किराया साधारण रहेगा.
  10. सैलानियों के लिए किराए का स्लैब राज्य सरकार तय करेगी. ये आम जनता से अलग होगा.
  11. इस रोपवे के माध्यम से शिमला और आस-पास के 15 स्टेशन जुड़ेंगे.
  12. इस रोपवे पर 13 स्टेशन स्थापित होंगे.
  13. इसके निर्माण का जिम्मा रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डवलपमेंट कॉरपोरेशन का होगा.
  14. इस रोपवे पर 2025 के मार्च महीने में काम शुरू करने का लक्ष्य है.
  15. इस रोपवे को हिमाचली टच देने के लिए रूट की लाइनों के नाम हिमाचल के राज्य पक्षी मोनाल सहित यहां की पहचान सेब और देवदार के नाम पर रखे जाएंगे.
  16. रोपवे के लिए शिमला में 90 चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे. इनमें से 44 स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं.
  17. आरंभ में एक घंटे में एक बार आने और जाने में दो हजार लोग सफर कर सकेंगे.
  18. अनुमान है कि रोपवे शिमला के आसपास के 60 किलोमीटर का एरिया कवर करेगा.
  19. शिमला को ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी. पीक टूरिस्ट सीजन में जाम की समस्या आम है.
  20. रोपवे की ट्रॉली के ऊपर सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे.
परियोजना की कुल लागत 1734.40 करोड़ (ETV BHARAT)

ये 13 स्टेशन होंगे स्थापित

शिमला में रोपवे के लिए मां तारादेवी, कोर्ट कॉम्पलेक्स चक्कर, टूटीकंडी पार्किंग एरिया, आईएसबीटी, टनल नंबर 103, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ बाजार एरिया, आईजीएमसी अस्पताल, संजौली, नवबहार, सचिवालय व लिफ्ट के पास बोर्डिंग एरिया होंगे.

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के अनुसार, 'इस रोपवे के बनने से शिमला की पहचान में एक और लैंडमार्क जुड़ जाएगा. राजधानी शिमला में 15 स्टेशनों को आपस में जोड़ने वाला ये देश और एशिया का पहला इतना लंबा रोपवे होगा.'डिप्टी सीएम के पास परिवहन विभाग भी है. राजधानी शिमला में ट्रैफिक जाम की समस्या दूर करने और पर्यटन को बढ़ावा देने में ये रोपवे काम आएगा. डिप्टी सीएम ने अग्रिम टेंडर की मंजूरी मिलने पर खुशी जताई है.

शिमला तारादेवी रोपवे (ETV BHARAT)

इसकी आरंभिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. साथ ही अब न्यू डवलपमेंट बैंक ने इसके एडवांस टेंडर की मंजूरी भी दे दी है. ऐसे में जिज्ञासा है कि शिमला रोपवे की खूबियां क्या-क्या होंगी और इसके आजादी से पहले की देश की समर कैपिटल कैसे बदल जाएगी. ट्रैफिक जाम की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा. पर्यावरण साफ रखने में मदद मिलेगी और साथ ही सैलानियों के लिए रोपवे की सैर का आकर्षण होगा. यहां क्रमवार जानते हैं कि क्या है पूरा प्रोजेक्ट और इससे शिमला में क्या-क्या बदलाव होंगे.

कंप्लीट स्टेज में होंगे 660 कैबिन

इसके अलावा शुरुआती चरण में इस सिस्टम में 222 कैबिन लगाए जाएंगे और कंप्लीट स्टेज पर 660 कैबिन होगें. प्रत्येक कैबिन में 8 से 10 लोगों की ले जाने की क्षमता होगी. वहीं, 2 से 3 मिनट के भीतर स्टेशन पर लोगों के लिए कैबिन उपलब्ध हो जाएगा. प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर न्यू डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से बनाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश सरकार की भी इसमें हिस्सेदारी है.

शिमला शहर को ट्रैफिक से मिलेगी निजात (ETV BHARAT)

कितना होगा किराया?

रोपवे का किराया ज्यादा नहीं होगा. बस किराए के आसपास ही शुल्क होगा. मतलब लोगों को बस किराए में ही रोपवे की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. रोपवे से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही स्थानीय लोगों को भी ट्रैफिक से छुटकारा मिलेगा. शिमला रोपवे मार्ग का कार्य वर्ष 2025 में पहली मार्च से शुरू करने का लक्ष्य है. इस परियोजना में न्यू डेवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी की ओर से फैक्ट फाइंडिंग मिशन के तहत इसी साल 2 जून से 10 जून तक निरीक्षण किया जा चुका है. एनडीबी ने कॉन्सेप्ट नोट को इसी साल 12 जुलाई को मंजूरी दी थी.

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Last Updated : Oct 16, 2024, 7:14 PM IST

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