खूंटीःजिले में बिरसा मुंडा जनजातीय पुस्तकालय का निर्माण कार्य एक साल से अधर में लटका है. 8.63 करोड़ की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक पुस्तकालय का निर्माण जमीन के अभाव में शुरू नहीं हो पा रहा है. अब हालत यह है कि यदि शीघ्र पुस्तकालय निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करायी गयी तो पुस्तकालय निर्माण के लिए आवंटित राशि सरेंडर करना पड़ सकता है.
दरअसल, भारत सरकार की जनजातीय मंत्रालय द्वारा खूंटी में बिरसा मुंडा जनजातीय पुस्तकालय की स्वीकृति के साथ राशि आवंटित की गई थी. लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद पुस्तकालय के लिए जमीन की व्यवस्था प्रशासन नहीं कर सका.
खूंटी में पुस्तकालय निर्माण के लिए विशेष प्रमंडल को कार्य एजेंसी बनाया गया है. टेंडर कर एग्रीमेंट तक कर लिया गया. एक साल से संवेदक जमीन की आस में बैठे हैं. लेकिन अब तक जमीन नहीं उपलब्ध करायी गई है.
आपको बता दें कि बिरसा मुंडा जनजातीय पुस्तकालय शुरुआत में बिरसा कॉलेज कैंपस में बनना था. पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने पुस्तकालय की स्वीकृति दिलायी थी, लेकिन बिरसा कॉलेज का अलग से मास्टर प्लान बना हुआ है. इस कारण कॉलेज कैंपस में पुस्तकालय के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है और दूसरी जगह जमीन तलाशी जा रही है.
हालांकि बिरसा कॉलेज का छात्र संगठन इस पुस्तकालय को बिरसा कॉलेज में ही बनवाने की मांग कर रहा है. इधर, लोगों का भी कहना है की इस महत्वाकांक्षी पुस्तकालय के लिए सबसे उपयुक्त स्थल बिरसा कॉलेज कैंपस ही है. अगर कॉलेज परिसर में ही पुस्तकालय बनता है तो छात्रों के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी साबित होगा. बता दें कि बिरसा कॉलेज में करीब 15 हजार छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं.
पुस्तकालय में ये सुविधाएं रहेगी मौजूद
बिरसा मुंडा जनजातीय पुस्तकालय 41053 वर्ग फीट में दो मंजिला बनना है. पुस्तकालय भवन के ग्राउंड फ्लोर में रीडिंग रूम, बुक स्टोर, मैगजीन स्टोर, मुख्य प्रवेश द्वार, रिसेप्शन, बुक बाईंडिंग, स्टाफ रूम आदि बनाने का प्लान है. साथ ही बच्चों को पढ़ने के लिए कुर्सी, टेबुल लगाए जाने हैं.