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दिल्ली केदारनाथ मंदिर विवाद की आग में कांग्रेस ने डाला घी, 24 जुलाई से निकालेगी केदारनाथ बचाओ यात्रा - Delhi Kedarnath Temple controversy

Delhi Kedarnath Temple controversy दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण विवाद की आग में कांग्रेस कूद गई है. जिसके तहत पार्टी ने 24 जुलाई से 'जय गंगे, जय केदार' के नाम से केदारनाथ बचाओ यात्रा निकालने का फैसला लिया है. ये जानकारी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने दी.

Delhi Kedarnath Temple controversy
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 16, 2024, 6:47 PM IST

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा (video-- ETV Bharat)

देहरादून: दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण विवाद के खिलाफ कांग्रेस मुखर हो गई है. ऐसे में पार्टी ंने 24 जुलाई से 'जय गंगे, जय केदार' के नाम से केदारनाथ बचाओ यात्रा निकालने का निर्णय लिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बताया कि 24 जुलाई से यह यात्रा हरिद्वार की हरकी पैड़ी में गंगा स्नान करके शुरू की जाएगी, जबकि केदारनाथ में पूजा-अर्चना के साथ यात्रा का समापन होगा. इस यात्रा में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी समेत कई विधायक शामिल होंगे.

बता दें कि दिल्ली के बुराड़ी में बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतिकात्मक मंदिर निर्माण का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. तीर्थ पुरोहितों से लेकर व्यापारी और स्थानीय जनता धामी सरकार के खिलाफ मुखर हो गई है. रोज धरना-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस को भी एक नया मुद्दा मिल गया है और वो विरोध की आग में कूद गई है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बताया कि दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर बनाया जा रहा है, साथ ही कहा जा रहा है कि जो लोग केदारनाथ नहीं जा सकते हैं, उन्हें पुण्य दिल्ली में प्राप्त होगा. ऐसे में भाजपा सरकार हमारी आस्था और संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी के सीनियर लीडर, युवा साथी और आमजन सभी कांग्रेस के इस फैसले से सहमत हैं.

करन माहरा ने बताया कि इस यात्रा को केदारनाथ पहुंचने में कितने दिन लगेंगे और कहां-कहां पदयात्रा के पड़ाव होंगे, इसका निर्णय सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर तय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग ने ऐसे किसी पत्थर को ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है, तो ऐसे में पत्थर को दिल्ली कैसे ले जाया गया. इस पर विभाग को कड़ा रूख अख्तियार करना चाहिए.

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