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फ्यूल सरचार्ज पर गरमाई सियासत, कांग्रेस बोली- आम आदमी के हितों पर कुठाराघात, सरकार ने ये दिया जवाब - Congress Targets BJP

प्रदेश में बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज बढ़ाने के मामले पर सियासत गरमा गई है. पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है. शनिवार को विधानसभा के बाहर कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को आम जनता के हितों पर कुठाराघात बताया तो सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने सिर्फ चुनावी घोषणा के कारण छूट दी थी.

फ्यूल सरचार्ज पर गरमाई सियासत
फ्यूल सरचार्ज पर गरमाई सियासत (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 20, 2024, 4:53 PM IST

फ्यूल सरचार्ज पर पक्ष-विपक्ष आमने सामने (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर : प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा बिल में बड़ा झटका लगा है. प्रदेश में एक बार फिर फ्यूल सरचार्ज की वसूली शुरू हो गई है. डिस्कॉम ने अभी 200 यूनिट से ज्यादा खपत वाले उपभोक्ताओं को मिल रही छूट बंद कर दी है. डिस्कॉम के इस फैसले के बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई है. पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए. कांग्रेस ने डिस्कॉम के इस फैसले को आम आदमी के हितों पर कुठाराघात बताया तो सत्ता पक्ष ने कहा कि पिछली सरकार ने सिर्फ चुनावी घोषणा के कारण एक वर्ष के लिए छूट दी थी. हमारी सरकार जनता के हित में काम कर रही है. प्रदेश में बिजली आपूर्ति की मांग के अनुपात में उत्पादन कर जनता को फ्यूल सरचार्ज जैसे अतिरिक्त शुल्क में छूट देंगे.

आम आदमी के हितों पर कुठाराघात :नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश की जनता को राहत देने की बात करने वाली बीजेपी की सरकार ने गरीबों को करारा झटका दिया है. आम आदमी के हितों पर कुठाराघात किया है. फ्यूल सरचार्ज पर सरकार की तरफ से छूट रहती थी, उसको वापस लगा दिया गया है. 300 से 400 रुपए तक का भार लोगों के बिलों में आ रहा है. उन्होंने कहा कि बिजली पहले ही नहीं मिल रही है और इसके बाद एक और करंट प्रदेश की जनता को मिला है. कोई चीज ऐसी बाकी नहीं जो इस सरकार में महंगी नहीं हुई हो. लगातार रसोई का बजट गड़बड़ा रहा है, आम आदमी का घर चलाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार जिस प्रकार से रोज नए-नए नियम लागू कर रही है, उससे तो ऐसा लग रहा है कि राजस्थान की जनता का खून चूसने वाला काम सरकार को करना है. कांग्रेस इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा भी करती है. इस मामले को सोमवार को विधानसभा में उठाया जाएगा.

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पिछली सरकार ने सिर्फ चुनावी घोषणा के कारण दी थी छूट :ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि फ्यूल सरचार्ज नियमों के तहत लिया जाता है. बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज बढ़ाने का निर्णय उसी के अनुसार लिया गया है. पिछली सरकार ने सिर्फ चुनावी घोषणा के कारण छूट दी थी, कांग्रेस की नियत कभी सही नहीं रही. फ्यूल सरचार्ज में किसी भी तरह की छूट के लिए विद्युत विनियामक आयोग से अनुमति लेनी होती है. पूर्व सरकार ने चुनाव को देखते हुए जनता को गुमराह किया था. अगर सरकार को गुमराह नहीं करना होता तो अनुमति लेकर बिल विधानसभा में पास करते, बजट सत्र 2023-24 में ही फ्यूल सरचार्ज में एक साल के लिए छूट दी. अब जैसे ही वित्त वर्ष समाप्त हुआ अप्रैल से पुनः सरचार्ज की दरें लागू हो गई. नागर ने कहा कि हमारी सरकार जनता के हित में काम कर रही है. प्रदेश में बिजली आपूर्ति की मांग के अनुपात में उत्पादन कर जनता को फ्यूल सरचार्ज जैसे अतिरिक्त शुल्क में छूट देंगे.

प्रदेश की जनता को झटका :बता दें कि अप्रैल माह के बाद के बिलों से प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं से एक बार फिर फ्यूल सरचार्ज की वसूली शुरू हो गई है. डिस्कॉम ने अभी 200 यूनिट से ज्यादा खपत वाले उपभोक्ताओं को मिल रही छूट बंद कर दी है. इनमें 15 लाख उपभोक्ता हैं, जिसमें अभी तक रजिस्टर्ड 8 लाख उपभोक्ता को हाल ही में जारी बिल में फ्यूल सरचार्ज जोड़कर भेजा गया है. 200 यूनिट से ज्यादा खपत वाले उपभोक्ताओं को बिल में सरचार्ज की 61 पैसे प्रति यूनिट से गणना के अनुसार चार्ज जोड़ा जा रहा है. हालांकि, 200 यूनिट से कम उपयोग पर अभी छूट चालू रखी गई है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक इससे मासिक बिल में 100 से 900 रुपए तक की बढ़ोतरी हो रही है.

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