जयपुर: कांग्रेस ने मूर्खतापूर्ण निर्णय कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का बंटाधार किया. प्रदेश में बालिकाओं को शिक्षा से वंचित करने का षड्यंत्र किया. ये कहना है प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का. रविवार को रेसा के वार्षिक अधिवेशन में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों को सीधे उच्च माध्यमिक विद्यालय कर दिया जो कि सीधे-सीधे विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ था. इस दौरान उन्होंने मौजूद शिक्षकों से सवाल पूछा कि 'आप में से कौन-कौन गुटका नहीं खाता है', साथ ही उन्होंने कहा कि अब अधिकारियों का भी मूल्यांकन किया जाएगा.
राजस्थान में इंग्लिश मीडियम स्कूलों को लेकर छिड़ी बहस के बीच रविवार को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक बार फिर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया. चंदवाजी में आयोजित राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद (रेसा) राजस्थान के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इंग्लिश मीडियम स्कूल किए जाने से सबसे ज्यादा नुकसान प्रदेश की बालिकाओं को उठाना पड़ा. कांग्रेस की कुनीति के कारण प्रदेश में 5 से 7 लाख लड़कियां पढ़ाई छोड़ चुकी हैं. हिंदी मीडियम स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में कन्वर्ट करने से छात्राओं का नामांकन तेजी से घटा.
जयपुर के चंदवाजी स्थित निम्स विश्वविद्यालय में आयोजित राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद (रेसा) राजस्थान के वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित किया।
— Madan Dilawar (@madandilawar) January 5, 2025
इस शुभ अवसर पर उपस्थित जनों को हमारी सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों, नवीन शैक्षिक नीतियों, विद्यालय विकास योजनाओं… pic.twitter.com/PCwubbV3Mz
स्कूल की दूरी अधिक होने और छात्रों के विद्यालय में मिलने से लड़कियों ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ी. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने प्रदेश में बालिकाओं को शिक्षा से वंचित करने का षड्यंत्र किया. साथ ही कहा कि प्राथमिक विद्यालयों को बिना संसाधन के उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करना सीधे-सीधे विद्यार्थियों को अनपढ़ रखने की साजिश थी, जिसके लिए कांग्रेस अपनी पीठ थापा रही है.
प्रैक्टिकल लेने वाले एक्सटर्नल शिक्षक की आवभगत की तो सख्त कार्रवाई : शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक बार फिर स्कूल प्रिंसिपलों और शिक्षकों को चेतावनी दी कि प्रैक्टिकल परीक्षा लेने के लिए बाहर से आने वाले शिक्षकों की यदि स्कूल की ओर से आओ भगत की गई और बच्चों से राशि संग्रहित कर उन्हें भेंट की गई, तो दोषी स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. दिलावर ने कहा कि जल्द ही स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू होने वाली है. किसी भी सरकारी या निजी विद्यालय में प्रायोगिक परीक्षा लेने आने वाले बाहर के शिक्षकों का किसी भी प्रकार से कोई स्वागत-सम्मान नहीं किया जाएगा. इसके लिए विभाग की ओर से जल्द ही आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे.
इस दौरान राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण गोदारा ने कहा कि एक वर्ष में शिक्षा विभाग में विद्यालय, विद्यार्थियों और शिक्षकों के बहुमुखी उन्नयन पर काम किया. इससे भविष्य में सार्वजनिक स्कूल शिक्षा व्यवस्था में बड़े सकारात्मक परिवर्तन आएंगे. आपको बता दें कि राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद राज्य के प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य, जिला शिक्षा अधिकारी, उपनिदेशक, संयुक्त निदेशक एवं अतिरिक्त निदेशक कैडर की एकमात्र परिषद है, जो अपने कैडर के हितों की पैरवी के साथ-साथ सरकार को शिक्षा-शिक्षक-शिक्षार्थी हित के लिए रचनात्मक सकारात्मक सुझाव देती है.