देहरादून: आज से विधानसभा का सत्र शुरू हो गया है, जिसमें समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट सदन के पटल पर रखा जाएगा. अगर सभी दलों के विधायकों की सर्वसम्मति होती है तो इसे पास कर दिया जाएगा. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने विधानसभा सत्र की अवधि और यूसी सी को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं
विधानसभा सत्र और यूसीसी को लेकर करन माहरा ने उठाए सवाल, कहा- क्या सरकार के पास संविधान के आर्टिकल को बदलने का अधिकार है?
Congress State President कांग्रेस वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने विधानसभा सत्र को लेकर धामी सरकार पर निशाना साधा है. करन माहरा ने यूसीसी को बीजेपी के नेताओं से सवाल पूछा है, कहा कि उसका जवाब मुझे अभी तक नहीं मिल पाया है. उन्होंने यूसीसी कानून को केन्द्र का विषय बताया.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Feb 5, 2024, 11:19 AM IST
|Updated : Feb 5, 2024, 11:55 AM IST
करन माहरा का कहना है कि विधानसभा सत्र को लेकर मिनिमम दिन जितने निर्धारित होते हैं, पिछले 7 सालों में उतने दिन नहीं चल रहा है. उन्होंने कहा कि जिस दिन मुख्यमंत्री का दिन फिक्स होता है उसे दिन सत्र शुरू नहीं होता है और जिस दिन सत्र आहूत किया जाता है, उस दिन शोक सभा रख दी जाती है. करन माहरा का कहना है कि विपक्ष के विधायकों को भी यूसीसी का ड्राफ्ट उपलब्ध कराया जाए, ताकि स्टडी करके बात कर सकें.
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उन्होंने आगे कहा कि सत्र कम से कम 15 दिन चलना चाहिए, इसमें से 7 से 10 दिन सदन में बहस हो सके और 70 पक्ष व विपक्ष के विधायक अपनी भागीदारी कर सकें. साथ ही अपने अमूल्य सुझाव यूसीसी लेकर दे सकें. उन्होंने कहा कि सरकार का कोई प्रवक्ता या फिर नुमाइंदा उनके इस सवाल का जवाब नहीं दे पा रहा है, कि क्या सरकार के पास संविधान के आर्टिकल को बदलने का अधिकार है. क्योंकि बिना आर्टिकल को बदले समान नागरिक संहिता कानून लागू नहीं किया जा सकता है. लेकिन इस सवाल का उत्तर भाजपा के लोगों से नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बिना लोकसभा और राज्यसभा में पास किए यूसीसी नहीं लाया जा सकता है. उन्होंने इसे केंद्र का मामला बताया है.
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