रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक की क्या रणनीति होने वाली है, गठबंधन में अनबन क्यों हुई और इस चुनाव में इंडिया ब्लॉक कितनी सीटों पर जीत दर्ज करेगा, वहीं भाजपा द्वारा सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर कांग्रेस का क्या स्टैंड है, इन सभी बातों को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर से खास बातचीत की.
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि हमने राष्ट्रीय मापदंडों पर मूल्यांकन करने के बाद उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उम्मीदवारों का चयन थर्ड पार्टी ऑब्जर्वर, स्क्रीनिंग, स्थानीय नेताओं की राय के बाद किया गया है. अब तक चुनाव प्रचार चरम पर होता लेकिन त्योहार की वजह से इसमें थोड़ी देरी हुई है. उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द ही अपना घोषणापत्र और गारंटी जारी करेगी.
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि हम बहुत खूबसूरती से परफेक्ट सीट बंटवारे की ओर आगे बढ़े थे लेकिन आरजेडी और कांग्रेस के बीच कुछ उलझन की वजह से ऐसा हुआ कि दोनों पार्टियों के उम्मीदवार मैदान में हैं. कांग्रेस ने बिश्रामपुर से अपने उम्मीदवार को वापस लेने की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन राजद की ओर से कुछ तकनीकी कारणों से ऐसा नहीं कर सका.
'धनवार सीट पर सीएम को मिला था इनपुट'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में गुलाम अहमद मीर ने कहा कि बिश्रामपुर, छतरपुर और धनवार तीनों विधानसभा सीटों पर भले ही फ्रेंडली फाइट जैसी स्थिति दिख रही हो, लेकिन उनकी कोशिश रहेगी कि भाजपा विरोधी वोट न बंटें और मतदान नजदीक आने पर जो उम्मीदवार भाजपा को हराने में सक्षम दिख रहे हैं, उनका समर्थन किया जाए. उन्होंने कहा कि धनवार में मुख्यमंत्री अपने इनपुट के आधार पर सीट अपने पास रखना चाहते थे, जिसे भाकपा माले को स्वीकार कर लेना चाहिए था.
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ की बात करके हिमंता बिस्वा सरमा केंद्र सरकार की विफलता को सार्वजनिक कर रहे हैं, क्योंकि घुसपैठ को रोकना केंद्र का काम है. गुलाम अहमद मीर ने कहा कि उन्होंने डॉ. इरफान अंसारी का वीडियो देखा है, कहीं भी उन्होंने सीता सोरेन के बारे में कुछ नहीं कहा है.