लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस जयपुर.दस साल से लोकसभा चुनाव में खाता खोलने में भी विफल रही कांग्रेस इस बार चुनाव में वापसी करने का दावा कर रही है. पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कवायद तेज कर दी है. प्रदेश इलेक्शन कमेटी के प्रभारी और पर्यवेक्षक आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी करने वाले नेताओं के बारे में फीडबैक जुटाने और संबंधित लोकसभा क्षेत्र के स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से सलाह-मशवरा करने में जुट गए हैं. ये प्रभारी और पर्यवेक्षक संबंधित लोकसभा क्षेत्र में जाकर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ पांच दिन तक बैठक करेंगे और 5 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देंगे.
बताया जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर दावेदारों के नामों का पैनल बनाकर दिल्ली भेजा जाएगा, जहां से टिकट वितरण पर अंतिम फैसला होगा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि प्रदेश इलेक्शन कमेटी के प्रभारी और पर्यवेक्षक लोकसभा क्षेत्र में जा रहे हैं, जहां चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों के बारे में जानकारी जुटाने का काम किया जा रहा है.
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5 फरवरी तक देनी होगी रिपोर्ट :लोकसभा क्षेत्रों में स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से दावेदारों के बारे में फीडबैक लिया जा रहा है. पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में स्थानीय मुद्दों और समीकरणों को भी खंगाला जा रहा है. इन सभी बिंदुओं के आधार पर लोकसभा क्षेत्रों से लौटकर प्रभारी और पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट 5 फरवरी तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेंगे.
इन्हें लगाया गया है पर्यवेक्षक-प्रभारी :प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अनुसार, बीकानेर, चूरू और गंगानगर के लिए प्रमोद जैन भाया और राखी गौतम को, झुंझुनू, सीकर और नागौर के लिए अशोक चांदना और ललित यादव को, अलवर, जयपुर ग्रामीण और जयपुर के लिए ममता भूपेश और शिमला नायक को, भरतपुर, दौसा, करौली और धौलपुर के लिए डूंगरराम गेदर व हेमसिंह शेखावत को जिम्मा दिया गया है.
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इन जिलों में इन्हें दिया गया है जिम्मा :अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर के लिए मुरारीलाल मीणा व विनोद जाखड़ को, जोधपुर, पाली, बाड़मेर के लिए राजकुमार शर्मा व अभिमन्यु पूनिया को, बांसवाड़ा, उदयपुर और जालौर के लिए रामलाल जाट व रोहित बोहरा को, चित्तौड़गढ़, राजसमंद और भीलवाड़ा के लिए भजनलाल जाटव और इंद्रा मीणा को जबकि कोटा, बारां और झालावाड़ के लिए प्रतापसिंह खाचरियावास व जुबैर खान को प्रभारी व पर्यवेक्षक बनाया गया है.
दस साल से खाता खुलने का इंतजार :प्रदेश में पिछले दो लोकसभा चुनाव से कांग्रेस सूखे का सामना कर रही है. यानि दस साल से कांग्रेस राजस्थान में लोकसभा चुनाव में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है. साल 2014 में सभी 25 सीट भाजपा ने जीती थी, जबकि साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 24 और उसकी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने एक सीट जीती थी.