जयपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट ने मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के बहाने सरकार पर निशाना साधा है. विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे किरोड़ीलाल के बारे में ज्यादा नहीं बोलना चाहते हैं. जब से सरकार बनी है, वे दुविधा में हैं. पहले उन्होंने जो मेहनत की है, उसके अनुरूप उन्हें मंत्रालय नहीं दिया गया. बाद में उन्होंने इस्तीफा दिया तो इस्तीफा न तो स्वीकार किया और न ही रिजेक्ट किया. उनके साथ जो हुआ है, उसके बारे में तो वे ही बेहतर तरीके से बता सकते हैं. एसआई भर्ती परीक्षा का मामला हो या ईआरसीपी का मुद्दा हो, उन्होंने अपनी बात रखी, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई.
मुकेश भाकर पर फैसले का किया स्वागत : सचिन पायलट ने कहा कि मुकेश भाकर का निलंबन समाप्त किया गया है, उसका स्वागत करते हैं. अब वे सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का लिखा हुआ होता है. वे पढ़कर सुनाते हैं. उस पर चर्चा होगी तो सवालों के जवाब सरकार को देने होंगे. प्रदेश में जो हालात हैं, कानून-व्यवस्था, जिलों को समाप्त करने, स्कूलों की समीक्षा करने जैसे मुद्दों पर सरकार को जवाब देना पड़ेगा.
सचिन पायलट का बड़ा बयान, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur) पहली बार के विधायकों को दिया जाए मौका : पायलट ने कहा, जनता से जुड़े मुद्दों को हम सब सदन में उठाएंगे. पहली बार जो विधायक बने हैं, उनको बोलने का मौका दिया जाना चाहिए. यह विधानसभा है, यहां पर सरकार को सवालों का जवाब देना पड़ेगा. सरकार ने चार लाख युवाओं को नौकरी देने का संकल्प लिया था. उनका धरातल पर क्या हुआ, यह सब जानते हैं. कांग्रेस के शासन में जो विकास हुआ है, उसकी तुलना में इस सरकार ने कोई काम नहीं किया.
प्रदेश सरकार को केंद्र में आवाज उठानी होगी : पायलट ने कहा कि 1 फरवरी को केंद्र का बजट आएगा. पिछले बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं लिया गया था. राज्य सरकार को केंद्र में प्रदेश के लिए मांग रखनी पड़ेगी. प्रदेश की सरकार को केंद्र से ईआरसीपी और रिफाइनरी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग करनी चाहिए. प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद प्रदेश के लिए कोई काम नहीं हो रहा है.
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मापदंड के बिना खत्म किए गए जिले : सचिन पायलट ने कहा कि सरकार बनने के बाद जिलों को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हुई. तब भी हमने कहा था कि जिलों में जो संशोधन करना है व्यापक मापदंड बनाए. मापदंड के बिना किए गए बदलाव को जनता स्वीकार नहीं करती है. मनमानी से जिलों और संभागों को खत्म किया गया है. इस पर भी राजनीती की गई है. इस पर प्रदेश में जगह-जगह पर विरोध हुआ और अभी भी हो रहा है. सरकार को जवाब देना पड़ेगा. भाषण देने देने से और संख्या बल के आधार पर विपक्ष की आवाज दबाने से कुछ नहीं होगा.
लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे पायलट : सचिन पायलट जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे, जहां उन्होंने आयोजकों और मेहमानों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में आज लिटरेचर फेस्टिवल हो रहे हैं. खुशी की बात यह है कि इसका आगाज जयपुर से हुआ है. इस आयोजन में जयपुर में देश दुनिया से कई लोग आते हैं. जिस खुलेपन से यहां सभी लोग विचारों का आदान-प्रदान और संवाद करते हैं, जो विचार हमसे मिलते नहीं हैं, जीतना ज्यादा हम उन्हें सुनें, भले ही सहमति बने या नहीं बने, लेकिन चर्चा होनी चाहिए. दुनिया में क्या हो रहा है, यहां आकार पता चल जाता है.