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चंपाई सोरेन को प्रदीप बलमुचू की सलाह, 10 बार सोचने के बाद ही लें कोई बड़ा फैसला - Pradeep Balmuchu

Champai Soren. कांग्रेस के सीनियर लीडर प्रदीप बलमुचू ने चंपाई सोरेन को दस बार सोच कर कोई फैसला लेने की सलाह दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां एडजस्टमेंट नहीं हो वहां कितने दिनों तक टिक सकते हैं, इसलिए आगे की सोचने के बाद ही कोई फैसला लें.

Pradeep Balmuchu advised Champai Soren
प्रदीप बलमुचू और चंपाई सोरेन (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 24, 2024, 6:54 AM IST

Updated : Aug 24, 2024, 7:47 AM IST

रांची: कभी खुद कांग्रेस छोड़कर कुछ दिनों के लिए आजसू पार्टी का दामन थामने वाले कोल्हान के दिग्गज कांग्रेस नेता प्रदीप बलमुचू ने अपने अनुभव के आधार पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन को कोई भी बड़ा फैसला करने से पहले 10 बार आगे दूर तक की सोच विचार कर फैसला लेने की सलाह दी है.

कांग्रेस नेता प्रदीप बलमुचू (ईटीवी भारत)
झारखंड कांग्रेस के सबसे अधिक दिनों तक प्रदेश अध्यक्ष रहे पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ प्रदीप कुमार बलमुचू ने चम्पाई सोरेन को कोल्हान के अच्छे नेताओं में से एक बताते हुए कहा कि उनकी नाराजगी की वजहें मीडिया में आ चुकी है, उस पर ज्यादा चर्चा करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर वह झारखंड मुक्ति मोर्चा से हटकर अपनी पार्टी बनाते हैं या किसी अन्य दल में शामिल होते हैं तो उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ेगा. प्रदीप बलमुचू ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह उनके राजनीतिक जीवन की भारी भूल होगी. ऐसे में उनसे निवेदन यही है कि कोई भी फैसला लेने से पहले वह दस बार सोचें.ऐसा न हो कि कदम बढ़ाकर बीच मे फंस जाएं- बालमुचू

प्रदीप बलमुचू ने कहा कि वह कोल्हान की राजनीति को बखूबी जानते और समझते हैं. ऐसे न हो कि चम्पाई सोरेन अपना कदम बढ़ाकर बीच में फंस जाएं इसलिए कुछ भी कदम बढ़ाने से पहले वह दूर तक सोचें.

ठंडे दिमाग से सोचेंगे तो निश्चित रूप से कोई अच्छा रास्ता नजर आएगा

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि चंपाई सोरेन अगर ठंडे दिमाग से सोचेंगे तो निश्चित रूप से उन्हें बेहतर रास्ते नजर आएंगे. उन्होंने कहा कि जिस दल में आपका एडजस्टमेंट नहीं हो सकता वहां आप बहुत दिन नहीं रह सकते. यह सर्वमान्य बात है उन्होंने कहा कि चंपाई सोरेन के विचार और उनके आंदोलन की पृष्ठभूमि यह बताती है कि वह भाजपा में सूटेबल नहीं होंगे.

2019 में खुद कांग्रेस छोड़ आजसू में शामिल हो गए थे प्रदीप बलमुचू

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और हेमंत सरकार में जल संसाधन मंत्री चंपई सोरेन को प्रदीप बलमुचू की सलाह इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ वजहों से नाराज होकर प्रदीप बलमुचू भी 2019 में कांग्रेस छोड़ सुदेश महतो की आजसू पार्टी में शामिल हो गए थे. परंतु वहां उनका मन नहीं रमा और न ही वह खुद को आजसू में एडजस्टमेंट कर पाए.

2022 में उन्होंने कांग्रेस में घर वापसी की. इस दौरान उन्होंने झारखंड की राजनीति में बहुत कुछ खोया. यह सही है कि धीरे-धीरे वह फिर से कांग्रेस में जमने और रमने लगे हैं, लेकिन एक तपाए और सबसे लंबे दिनों तक प्रदेश कांग्रेस की बागडोर संभालने वाले प्रदीप बलमुचू के राजनीतिक जीवन में यह यह दाग तो लग ही गया कि उन्होंने भी संकट के समय में कांग्रेस को छोड़ दिया था. यही वजह है कि प्रदीप बालमुचू अपने राजनीतिक मित्र चंपाई सोरेन को कोई भी फैसला काफी सोच समझ कर लेने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि उन्होंने देखा है कि संगठन छोड़ने के बाद कोल्हान की राजनीति में फायदा कम नुकसान अधिक होता हैं.

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Last Updated : Aug 24, 2024, 7:47 AM IST

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