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"नर्सिंग कॉलेजों में व्यापमं से बड़ा घोटाला, 50 हजार करोड़ की छात्रवृत्ति डकारी" पारस सकलेचा का गंभीर आरोप - MP Nursing colleges scam

कांग्रेस नेता व व्यापमं मामले के व्हिसिल ब्लोअर पारस सकलेचा ने नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में 50 हजार करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला होने का आरोप लगाया है. सकलेचा का कहना है "हजारों छात्रों को फर्जी एडमिशन देकर उनके नाम पर जारी छात्रवृत्ति हड़पी जा रही है. सवाल ये भी है कि ये सारे घोटाले चिकित्सा शिक्षा विभाग से ही क्यों जुड़े हैं."

MP Nursing colleges scam
पारस सकलेचा का गंभीर आरोप (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 2:16 PM IST

नर्सिंग कॉलेजों में 50 हजार करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला (ETV BHARAT)

रतलाम।नर्सिंग कॉलेज घोटाले में सीबीआई जांच में गड़बड़ी करने वाले अधिकारी एवं कॉलेज संचालकों की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले का जिन्न भी निकल आया है. व्यापमं मामले के व्हिसिल ब्लोअर पारस सकलेचा ने प्रदेश के नर्सिंग और पैरामेडिकल में छात्रवृत्ति घोटाले का आरोप लगाया है. सकलेचा ने कहा "जिस तरह नर्सिंग कॉलेज घोटाले के मामले में सीबीआई की जांच में गड़बड़ी की गई है, इसी तरह की गड़बड़ी व्यापमं मामले की सीबीआई जांच में भी हुई है."

80 हजार फर्जी छात्रों की मदद से घोटाला

पारस सकलेचा ने कहा "छात्रवृत्ति घोटाला करने के लिए ही नर्सिंग घोटाला किया गया है. नर्सिंग और पैरामेडिकल की करीब 1 लाख 20 हजार सीटे हैं. जिसमें 70 से 80 हजार बोगस छात्रों को एडमिशन देकर छात्रवृत्ति घोटाला किया जा रहा है. जिसकी राशि 30 से 50 हजार करोड़ से भी अधिक है. प्रदेश में छात्रवृत्ति का यह घोटाला 2017 से जारी है जोकि व्यापमं पार्ट 2 से भी बड़ा है. जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग पूरी तरह जिम्मेदार है. नर्सिंग और पैरामेडिकल दोनों के ही हजारों छात्रों को फर्जी एडमिशन देकर उनके नाम पर जारी छात्रवृत्ति हड़पी जा रही है."

सभी घोटाले चिकित्सा शिक्षा विभाग से ही क्यों जुड़े

पारस सकलेचा ने सवाल उठाया "2010 से लेकर अब तक व्यापमं, पैरामेडिकल, छात्रवृत्ति घोटाला और नर्सिंग कॉलेज घोटाला जैसे सभी घोटाले चिकित्सा शिक्षा विभाग से ही क्यों जुड़े हुए हैं. प्रदेश की भाजपा सरकार ने विभाग को घोटालों का विभाग बना दिया है. पारस सकलेचा ने इस मामले में सीबीआई जांच पर भी सवाल खड़े किए हैं." सकलेचा ने आरोप लगाया है कि व्यापम और नर्सिंग की जांच के दौरान सीबीआई ने एक भी प्रेस नोट जारी कर पारदर्शिता नहीं रखी. जबकि यह मामला आम लोगों, सोशल एक्टिविस्ट और पत्रकारों ने हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया था. जिन्हें जांच के बारे में अब तक कुछ भी बताया नहीं गया है.

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सीबीआई की भूमिका भी उठाए सवाल

सकलेचा का कहना है"इस घटनाक्रम से यह सिद्ध होता है कि सीबीआई का गलत राजनीतिक उपयोग होता. यही वजह कि सीबीआई अधिकारी भी इन घोटालों में रिश्वत वसूलते हैं. गौरतलब है कि 2009 में विधायक रहते हुए सबसे पहले ड्रग ट्रायल मामले को विधानसभा में उन्होंने उठाया था. इसके बाद मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले मामले में भी पारस सकलेचा व्हीसल ब्लोअर और एक्टिविस्ट के रूप में सक्रिय रहे और लगातार कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं."गौरतलब है कि कांग्रेस नेता पारस सकलेचा ने नर्सिंग घोटाला मामले में जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे. जिसके बाद इस मामले में सीबीआई के ऑफिसर सहित कॉलेज संचालकों की गिरफ्तारी सीबीआई की टीम ने बीते दिनों की है.

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