जोधपुर.पुलिस की स्पेशल टीम ने रीट और सब इंस्पेक्टर पेपर लीक के शातिर आरोपी कांग्रेस नेता ओमप्रकाश ढाका को मंगलवार को हैदराबाद से दबोच लिया है. पेपर लीक प्रकरणों की जांच कर रही एसओजी इसे बड़ी उपलब्धि बता रही है, लेकिन सवाल ये है कि एक साल से भी ज्यादा समय से ओमप्रकाश सांचौर, जालोर और जोधपुर में नजर आता रहा, लेकिन पुलिस ने उसे नहीं पकड़ा.
इतना ही नहीं दिसंबर 2022 में रीट की परीक्षा के अभ्यर्थियों को बस में नकल करवाने में उसकी मुख्य भूमिका सामने आने के बाद भी गहलोत राज में वह पुलिस के सामने घूमता रहा. विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वाकांक्षी योजना महंगाई राहत शिविर का अपनी पंचायत समिति में उसने उद्घाटन भी किया. समिति की प्रधान अपनी मां की जगह मुख्यातिथि भी बना, जिसके फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किए, लेकिन पुलिस मूक दर्शक बनी रही.
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चुनावों में सक्रिय, नेताओं के साथ घूमता रहा :रीट नकल में नाम आने के बाद भी ओमप्रकाश ढाका बतौर कांग्रेसी नेता खुला घूमता रहा. गत वर्ष अगस्त तक वह लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय रहा. नेताओं के साथ अपने फोटो और शुभकामना संदेश डालता रहा. हाल ही में मई में उस पर एसओजी ने 75 हजार का इनाम घोषित किया. इसके बावजूद भी वह खुले आम घूम रहा था. बताया जा रहा है कि पकड़े जाने के चार दिन पहले भी वह जोधपुर में था, यहां से हैदराबाद गया था.
पूर्व सीएम से लेकर पूर्व मंत्री के साथ नजर आया :रीट पेपर लीक ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की खूब किरकिरी करवाई थी. उदयपुर में बस में नकल करवाने वाले गिरोह में नाम आने के बाद भी ओमप्रकाश गत वर्ष सरकार के महंगाई राहत शिविर के सांचौर में शुभारंभ के मौके पर तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत के साथ मंच शेयर किया. इसके बाद अपनी मां की पंचायत समिति में शिविरों के उद्घाटन किए. इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में प्रचार भी करता रहा.