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हरीश रावत ने विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर सरकार पर दागे सवाल, प्रश्नकाल न रखने को बताया क्रूर मजाक

Uttarakhand Assembly Session कांग्रेस वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की. हरीश रावत ने सत्र में प्रश्नकाल नहीं रखने को लोकतांत्रिक परंपरा के साथ एक क्रूर मजाक बताया है. कहा कि विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के बिना संसदीय परंपरा अधूरी है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 5, 2024, 10:59 AM IST

देहरादून:उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र आज से शुरू होने जा रहा है. वहीं कांग्रेस वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. हरीश रावत ने कहा कि विधानसभा का विशेष सत्र पुराने ही सत्र का एक प्रकार से एक्सटेंशन है. कहा कि इसमें प्रश्नकाल न रखना उत्तराखंड के लोकतांत्रिक परंपरा के साथ एक क्रूर मजाक है.

गौर हो कि कांग्रेस वरिष्ठ नेता हरीश रावत सरकार को घेरने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते हैं. वो समय-समय पर अपने तीखे व्यंग से सरकार की परेशानियों को बढ़ाते दिखाई देते हैं. इस बार हरीश रावत ने अपने विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर धामी सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही सवाल खड़े करते हुए इस सत्र पर सवाल भी उठाए हैं. हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि विधानसभा को लेकर जनता और विधायकों के दिमाग में भी कई प्रश्न हैं, जिन्हें वो उठाना चाहते हैं. प्रश्नकाल एक महत्वपूर्ण काल होता है, चाहे विधानसभा हो या लोकसभा हो जिसमें जनता से जुड़े हुए महत्वपूर्ण प्रश्न उठते हैं, प्रश्नकाल के बिना संसदीय परंपरा अधूरी है.
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उन्होंने लिखा कि उन्हें आश्चर्य है कि विधानसभा के इस सत्र को जिसको विशेष सत्र कहा जा रहा है जो अपने आप में विशेष सत्र है, क्योंकि अभी पिछले सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ है, तो इसलिए विशेष सत्र बुलाने की जो प्रक्रिया है वो नहीं अपनाई गई है. यह पुराने ही सत्र का एक प्रकार से एक्सटेंशन है और इसमें प्रश्नकाल न रखना उत्तराखंड के लोकतांत्रिक परंपरा के साथ एक क्रूर मजाक है, अपनी मेजोरिटी का सरकार दुरुपयोग कर रही है. मैं समझता हूं कि माननीय स्पीकर को इस बात का स्वयं संज्ञान लेना चाहिए था. अब मुझे मालूम नहीं कि आज कार्यमंत्रणा समिति ने क्या तय किया है? लेकिन जो जानकारी मुझ तक छनकर के आई है उससे एक लोकतंत्र के विद्यार्थी के तौर पर मैं चिंतित हूं.

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