भोपाल।एमपी में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का कांग्रेस पार्टी मंथन कर रही है. शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों ने हारे हुए प्रत्याशियों से वन टू वन चर्चा कर हार के कारणों की जानकारी ली. इस दौरान प्रत्याशियों ने कमेटी के सामने खुलकर हार के कारणों का खुलासा किया. बता दें कि यह बैठक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चाव्हण, सप्तगिरी उल्का और जिग्नेश मेवाड़ी की अध्यक्षता में हुई.
फूल सिंह ने भाजपा पर लगाया बूथ कैप्चरिंग कराने का आरोप
लोकसभा चुनाव में भिंड से कांग्रेस प्रत्याशी रहे फूल सिंह ने भाजपा पर बूथ कैप्चरिंग कराने का आरोप लगाया. उन्होंने कमेटी को बताया कि वो 2 लाख वोटों से जीत रहे थे, लेकिन भाजपा ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सेट कर लिया था. कांग्रेस के पोलिंग एजेंटों को थाने में बिठा लिया था. इसके बाद बड़े स्तर पर बूथ कैप्चरिंग कराई गई. जिससे कांग्रेस हार गई.
बरैया बोले, कांग्रेस लड़ने में कमजोर
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को अपना जबाव देने के बाद मीडिया से बता करते हुए फूल सिंह बरैया ने बताया कि 'कांग्रेस लड़ने में कमजोर है. वह भाजपा की तरह मुद्दा नहीं उठा पाती है. वो बोले कि मनमोहन सरकार में बेहतर काम हुए, लेकिन भाजपा ने टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले को बढ़ा-चढ़ा कर बताया. जबकि बाद में पता चला कि यह तो घोटाला था ही नहीं. बरैया ने बताया कि यदि भाजपा लोकसभा चुनाव में बूथ कैप्चरिंग नहीं कराती, तो कांग्रेस पार्टी भिंड से जीत रही थी.'
विधायक और कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने से नुकसान
मुरैना से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे सत्यपाल सिंह सिकरवार ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस से 6 बार के विधायक रहे रामनिवास रावत और सूमावली से पूर्व विधायक के पार्टी छोड़ने से संगठन कमजोर हुआ. इस बीच बहुत से कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़ दी. यही मुरैना में कांग्रेस की हार का कारण बना.
ग्वालियर प्रत्याशी बोले, मैं अपनी गलती मानता हूं
ग्वालियर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रवीण पाठक ने बताया कि 'हमारे यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच जीत-हार का मामूली अंतर रहा. चुनाव प्रचार के दौरान सभी कांग्रेस के बड़े नेताओं का सहयोग मिला. ऐसे में हार का जिम्मा किसी और पर थोपने की बजाय, हम खुद अपनी हार का चिंतन कर रहे हैं. इसमें मैं अपनी गलती मानता हूं.'