कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में अब लोकसभा के साथ हो रहे विधानसभा उप चुनावों को लेकर कांग्रेस ने अपने बिखरे कुनबे को समेटने के साथ-साथ बीजेपी के बागियों को भी पार्टी में शामिल करना शुरू कर दिया है, लेकिन बीजेपी अभी तक अपने बिखरे कुनबे को नहीं समेट पाई है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बागी होकर बीजेपी नेताओं ने पिछली बार संगठन को भारी नुकसान पहुंचाया था, जिसका नतीजा यह हुआ कि जयराम सरकार प्रदेश में रिपीट नहीं हो पाई है.
मंडी लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले कुल्लू, किन्नौर, मनाली में बीजेपी को सीटें गंवानी पड़ी थी. जबकि बंजार और आनी विधानसभा क्षेत्र में भी बीजेपी का बहुत बड़ा वोट बैंक आजाद उम्मीदवार ने छीन लिया था. ऐसे में अब लोकसभा चुनाव में बीजेपी के इन बागी नेताओं की क्या भूमिका रहती है यह देखना बाकी है.
बीजेपी को बागियों ने पहुंचाया था नुकसान
कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़े राम सिंह ने 11,937 वोट हासिल किए थे, जिसका नतीजा यह हुआ कि यहां बीजेपी के नरोत्तम ठाकुर, कांग्रेस पार्टी के सुंदर सिंह ठाकुर से हार गए. मनाली विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़े महेंद्र ठाकुर ने 1345 मत लिए थे और यहां से बीजेपी सरकार में मंत्री रहे गोविंद सिंह ठाकुर चुनाव हार गए. इतना ही नहीं आनी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के पूर्व विधायक किशोरी लाल का टिकट काटने के बाद वह बगावत कर आजाद रूप से चुनाव लड़े थे और उन्होंने विधानसभा चुनाव में 6893 मत हासिल किए थे. इसके बाद भी आनी से बीजेपी के लोकेंद्र सिंह जीत हासिल करने में कामयाब रहे, लेकिन एक बड़ा वोट बैंक आजाद उम्मीदवार के पक्ष में जाने से पार्टी को वोटों का नुकसान तो हुआ ही था.
उधर, किन्नौर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के बागी जगत नेगी ने आजाद रूप से चुनाव लड़कर 8 हजार 575 वोट लेकर बीजेपी को झटका देने के साथ-साथ संगठन के अधिकृत उम्मीदवार सूरत नेगी को हराने में भूमिका निभाई थी. काफी बड़ा कुनबा उनके साथ बीजेपी से अलग हो गया, जबकि बंजार विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के बागी नेता हितेश्वर सिंह ने 14 हजार 932 मत हासिल कर यहां समीकरण बिगाड़ने का काम किया.