देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर चुनाव की तिथियां का ऐलान हो गया है. पहले चरण में उत्तराखंड में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी और 4 जून को वोटों की काउंटिंग की जाएगी. चुनाव के तिथियां का ऐलान होने के बाद ही देश भर में आदर्श कर संहिता लागू हो गई है ऐसे में अब सरकार और राजनीतिक पार्टियों को आदर्श आचार संहिता के नियमों का पालन करते हुए चुनावी प्रचार प्रसार में उतरना होगा. उत्तराखंड राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अब राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
बीजेपी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करने में आगे:दरअसल, चुनाव की तिथियां के ऐलान होने के बाद राजनीतिक पार्टियों अपनी रणनीतियों के आधार पर चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हो गई है, ताकि प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर काबिज हो सके. प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस, पांचों लोकसभा सीटों पर काबिज होने का दावा कर रही है. हालांकि, भाजपा ने प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का तो ऐलान कर दिया है. लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस ने मात्र तीन लोकसभा सीटों पर ही प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है. जबकि हरिद्वार और नैनीताल लोकसभा सीट पर अभी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान होना बाकी है.
कांग्रेस ने उठाए सवाल:राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद ही पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि चुनाव तिथियां का ऐलान होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद हर चीज का स्वभाव बदल गया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी इस बात पर जोर देगी कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन ना हो. लेकिन सत्ताधारी पार्टी जिस तरह से सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करती है, ऐसे में विपक्ष चाहेगा कि निर्वाचन आयोग उस पर अंकुश लगाए. साथ ही कहा कि वर्तमान समय में भाजपा की सरकार है और भाजपा की सरकार चाहे उपचुनाव हो या मुख्य चुनाव हो उसमें सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करती है. ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि इस लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग, इस पर निष्पक्षता से रोक लगाने का काम करेगा.