हजारीबाग: बरही विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने अरुण साहू को मैदान में उतारा है. वर्तमान विधायक उमाशंकर अकेला का टिकट काटकर अरुण साहू को उम्मीदवार बनाया गया है. पार्टी ने 24 अक्टूबर को आखिरी वक्त में लिस्ट जारी कर अरुण साहू पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया है. जिसके बाद अरुण साहू ने आज नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल करने के दौरान उनके साथ सैकड़ों समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ता नजर आए.
लंबे संघर्ष और पार्टी के प्रति समर्पण के कारण ही अरुण साहू को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से प्रत्याशी बनाया गया है. नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा कि बरही का विकास और रोजगार के अवसर पैदा करना मुख्य उद्देश्य होगा.
अरुण साहू कहते हैं कि विकास एक सतत प्रक्रिया है जो हमेशा जारी रहेगी. विधायक उमाशंकर अकेला ने क्षेत्र में काफी काम किया है. जो काम उन्होंने अधूरे छोड़े हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा और क्षेत्र का पूर्ण विकास किया जाएगा. उन्होंने प्रत्याशी बनाए जाने के लिए आलाकमान का आभार जताया है.
अरुण साहू 2014 से कांग्रेस में सक्रिय राजनीति में हैं. अरुण साहू के पिता स्वर्गीय तिलेश्वर साहू भी सक्रिय राजनीति में रहे हैं. उनके पिता तिलेश्वर साहू 2011 में आजसू में शामिल हुए थे. लेकिन 8 मई 2014 को महिला दिवस के अवसर पर उनकी निर्मम हत्या कर दी गई. उनकी हत्या के बाद उनकी पत्नी साबी देवी 2014 का चुनाव लड़ना चाहती थीं. लेकिन उस साल भाजपा और आजसू के बीच गठबंधन के कारण उन्हें टिकट नहीं मिल सका, जिसके बाद उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव लड़ा. उस समय उन्हें करीब 40 हजार वोट मिले थे. अब उनके बेटे अरुण साहू कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.