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नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी की तैयारी शुरू, बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद - MUNICIPAL ELECTIONS IN JHARKHAND

झारखंड में नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट के बीच बीजेपी अपनी तैयारियों में जुट गई है.

MUNICIPAL ELECTIONS IN JHARKHAND
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 31, 2025, 3:17 PM IST

रांची: राज्य में नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बीजेपी के लिए शहरी नगर निकाय क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखना चुनौती जैसा है. यही वजह है कि चुनावी सरगर्मी बढ़ते ही प्रदेश भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि वाकई में यह हमलोगों के लिए चुनौती भरा है. विधानसभा चुनाव में 21 सीटें मिलना हमारे लिए निराशाजनक जरूर है, मगर इससे निकलना भी जरुरी है. पार्टी के कार्यकर्ता पूरे तन मन से इस चुनाव में लगेंगे. चाहे दलीय आधार पर हो या गैरदलीय आधार पर निकाय चुनाव होगा, पार्टी पूरी तरह से तैयार है.

जानकारी देते बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता (ईटीवी भारत)

ओबीसी ट्रिपल टेस्ट पर सवाल खड़ा करते हुए प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि जिस तरह से सर्वे चल रहा है, उस पर सवाल उठ रहे हैं. टेलिफोनिक सर्वे कर ओबीसी ट्रिपल टेस्ट की खानापूर्ति की जा रही है, जबकि उनका शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण करना है. उन्होंने कहा कि ऐसे में आयोग के पास लगातार शिकायत आ रही है और सरकार को चाहिए कि इसे गंभीरता से लेकर तय मानक के अनुसार सर्वे करना चाहिए.

शहरी निकाय क्षेत्र में है बीजेपी की मजबूत पकड़

शहरी निकाय क्षेत्र में बीजेपी की मजबूत पकड़ माना जाता है. पिछले चुनाव में बीजेपी समर्थक राज्य के प्रमुख शहर रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग और चाईबासा जैसे नगर निकाय क्षेत्र के प्रमुख पदों पर जगह बनाने में सफल रहे थे. जाहिर तौर पर इन नगर निकायों में एक बार फिर मेयर, डिप्टी मेयर, नगर परिषद अध्यक्ष जैसे पदों को फिर से पाना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है.

संगठनात्मक चुनाव के जरिए पार्टी को खड़ा करने की कोशिश

नगर निकाय चुनाव को ध्यान में रखकर बीजेपी संगठनात्मक चुनाव तेजी से पूरा करने में जुटी है. पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद आए निराशा की स्थिति से जल्द उबर जायेगी. संगठनात्मक चुनाव फरवरी में पूरा हो जाने के बाद नई टीम शहरी नगर निकाय चुनाव में अपनी ताकत झोंककर एक बार फिर अपनी मजबूत पकड़ बनाने में सफल होगी.

हालांकि इस बार शहरी निकाय चुनाव को बीजेपी जितना आसान मान रही है, वह होता नहीं दिख रहा है. क्योंकि बीते विधानसभा चुनाव में शहरी क्षेत्र के कई ऐसी सीटें हैं, जहां बीजेपी से गैर भाजपा दलों ने जीत हासिल की है. जिसका प्रभाव कहीं न कहीं शहरी निकाय चुनाव परिणाम में भी देखने को मिल सकता है. फिलहाल राजनीतिक दलों की तैयारी के बीच राज्य निर्वाचन आयोग भी चुनावी तैयारी को अंतिम रुप देने में जुटी है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में नगर निकाय चुनाव की सरगर्मी बढ़ी, शहर की सरकार में अपने लोगों की भागीदारी के लिए रस्साकशी शुरू

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रांची: राज्य में नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बीजेपी के लिए शहरी नगर निकाय क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखना चुनौती जैसा है. यही वजह है कि चुनावी सरगर्मी बढ़ते ही प्रदेश भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि वाकई में यह हमलोगों के लिए चुनौती भरा है. विधानसभा चुनाव में 21 सीटें मिलना हमारे लिए निराशाजनक जरूर है, मगर इससे निकलना भी जरुरी है. पार्टी के कार्यकर्ता पूरे तन मन से इस चुनाव में लगेंगे. चाहे दलीय आधार पर हो या गैरदलीय आधार पर निकाय चुनाव होगा, पार्टी पूरी तरह से तैयार है.

जानकारी देते बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता (ईटीवी भारत)

ओबीसी ट्रिपल टेस्ट पर सवाल खड़ा करते हुए प्रदीप सिन्हा ने कहा है कि जिस तरह से सर्वे चल रहा है, उस पर सवाल उठ रहे हैं. टेलिफोनिक सर्वे कर ओबीसी ट्रिपल टेस्ट की खानापूर्ति की जा रही है, जबकि उनका शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण करना है. उन्होंने कहा कि ऐसे में आयोग के पास लगातार शिकायत आ रही है और सरकार को चाहिए कि इसे गंभीरता से लेकर तय मानक के अनुसार सर्वे करना चाहिए.

शहरी निकाय क्षेत्र में है बीजेपी की मजबूत पकड़

शहरी निकाय क्षेत्र में बीजेपी की मजबूत पकड़ माना जाता है. पिछले चुनाव में बीजेपी समर्थक राज्य के प्रमुख शहर रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग और चाईबासा जैसे नगर निकाय क्षेत्र के प्रमुख पदों पर जगह बनाने में सफल रहे थे. जाहिर तौर पर इन नगर निकायों में एक बार फिर मेयर, डिप्टी मेयर, नगर परिषद अध्यक्ष जैसे पदों को फिर से पाना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है.

संगठनात्मक चुनाव के जरिए पार्टी को खड़ा करने की कोशिश

नगर निकाय चुनाव को ध्यान में रखकर बीजेपी संगठनात्मक चुनाव तेजी से पूरा करने में जुटी है. पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद आए निराशा की स्थिति से जल्द उबर जायेगी. संगठनात्मक चुनाव फरवरी में पूरा हो जाने के बाद नई टीम शहरी नगर निकाय चुनाव में अपनी ताकत झोंककर एक बार फिर अपनी मजबूत पकड़ बनाने में सफल होगी.

हालांकि इस बार शहरी निकाय चुनाव को बीजेपी जितना आसान मान रही है, वह होता नहीं दिख रहा है. क्योंकि बीते विधानसभा चुनाव में शहरी क्षेत्र के कई ऐसी सीटें हैं, जहां बीजेपी से गैर भाजपा दलों ने जीत हासिल की है. जिसका प्रभाव कहीं न कहीं शहरी निकाय चुनाव परिणाम में भी देखने को मिल सकता है. फिलहाल राजनीतिक दलों की तैयारी के बीच राज्य निर्वाचन आयोग भी चुनावी तैयारी को अंतिम रुप देने में जुटी है.

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