जयपुर.प्रदेश में इस साल की सबसे बड़ी समान पात्रता परीक्षा (ग्रेजुएशन लेवल) का शुक्रवार को आयोजन हुआ. दो दिन होने वाली इस पात्रता परीक्षा में कुल चार पारियों में करीब 13 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. खास बात ये है कि परीक्षा में नकल और धांधली को देखते हुए त्रिस्तरीय जांच से लेकर परीक्षा कक्ष में बैठाकर हैंड राइटिंग का नमूना लेने तक की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई. साथ ही जिन अभ्यर्थियों ने ड्रेस कोड की पालना नहीं की उनके कपड़ों पर कैंची चलाई गई.
27 और 28 सितंबर को होने वाली समान पात्रता परीक्षा (स्नातक स्तर) का शुक्रवार को आगाज हुआ. इस बड़ी पात्रता परीक्षा को ध्यान में रखते हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने परीक्षार्थियों के लिए विशेष दिशा निर्देश भी जारी किए थे. जयपुर में 149 परीक्षा केंद्रों पर दो पारियों में करीब 2 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं. यहां सुबह परीक्षा केंद्र पर निर्धारित परीक्षा समय से 2 घंटे पहले अभ्यर्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू की. परीक्षा शुरू होने से ठीक 1 घंटे पहले परीक्षा केंद्र के द्वार बंद कर दिए गए. वहीं अभ्यर्थियों को त्रिस्तरीय जांच के बाद परीक्षा कक्ष में बैठने की अनुमति दी गई. साथ ही परीक्षा केंद्र पर मुख्य द्वार से लेकर परीक्षा कक्षा तक मॉनिटरिंग के लिए वीडियोग्राफी भी कराई गई.
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जयपुर में रथखाना स्कूल में बने परीक्षा केंद्र की केंद्र अधीक्षक सपना जैन ने बताया कि अभ्यर्थियों को प्रोविजनल ई प्रवेश पत्र, फोटो आईडी, दो पासपोर्ट साइज फोटो, नीले रंग के पारदर्शी बॉल पेन के अलावा किसी भी सामग्री को परीक्षा केंद्र में लाने की अनुमति नहीं दी गई. इसके साथ ही महिला और पुरुष अभ्यर्थियों के लिए ड्रेस कोड भी निर्धारित था. जिसमें हाफ स्लीव की शर्ट, सलवार सूट, हवाई चप्पल या एंकल तक जूते मोजे और बालों में रबर बैंड की ही अनुमति थी. इसके अलावा किसी भी तरह के आभूषण, हेयर पिन, स्कार्फ, ताबीज, लॉकेट पहनने की अनुमति नहीं थी. ऐसे में छात्रों के दुपट्टे भी हवा गए साथ ही फुल फिल्म से शर्ट और कुर्तों को कैंची से काटा गया और कुछ अभ्यर्थियों ने शर्ट उतार कर परीक्षा दी. इसके अलावा नकल और धांधली को रोकने के लिए बोर्ड के निर्देश पर सभी अभ्यर्थियों से परीक्षा कक्ष में हैंडराइटिंग का नमूना भी लिया गया.
वहीं कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि अभ्यर्थियों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए थे कि यदि वो नकल या अनुचित साधनों का उपयोग करते हुए पाए गए तो उनके खिलाफ राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही आगे की भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी को डिबार किया जाएगा. इसके अलावा यदि परीक्षा केंद्र और यात्रा के दौरान अनुशासनहीनता की तस्वीरें सामने आने के बाद यदि अभ्यर्थी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होता है तो उसकी परीक्षा भी निरस्त की जाएगी.