नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय ने कहा कि राजेंद्र नगर में जिस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अवैध रूप से लाइब्रेरी संचालित हो रही थी. बिल्डिंग 2021 में बनी थी. इसके बेसमेंट में लाइब्रेरी या अन्य कॉमर्शियल गतिविधि की अनुमति नहीं थी. यहां सिर्फ कार लिफ्ट, पार्किंग और स्टोरेज की अनुमति थी. हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
एमसीडी कमिश्नर को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश
डॉ. शैली ओबेरॉय ने कहा कि हादसे में तीन छात्रों की मौत बेहद दुखद घटना है. एमसीडी कमिश्नर को लेटर लिखकर दो निर्देश दिए हैं. पहला, एमसीडी के क्षेत्राधिकार में आने वाली बिल्डिंगों में जितने भी कोचिंग सेंटर नियमों और मानदंडों का उल्लंघन करते हुए बेसमेंट में क्लासेस ले रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. दूसरा, इस हादसे के लिए अगर कोई भी एमसीडी अधिकारी जिम्मेदार है तो उसपर भी सख्त कार्रवाई की जाए.
इस बिल्डिंग को 2021 में पूरा होने का सर्टिफिकेट मिला था, जिसमें स्पष्ट लिखा था कि बेसमेंट का इस्तेमाल केवल पार्किंग, स्टोरेज और कार लिफ्ट के लिए किया जाएगा. इस तरह से प्रॉपर्टी का दुरुपयोग करके बेसमेंट में कोचिंग चलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. डॉ. शैली ओबेरॉय ने बेसमेंट में पानी भरने का कारण बताते हुए कहा कि उस बिल्डिंग के आगे से निकलने वाला सीवर या नाला अचानक से फट गया. आस-पास की बिल्डिंग्स में पानी नहीं भरा. जबकि नाला टूटने की वजह से पानी तेजी से फैलता हुआ, उस बिल्डिंग की बेसमेंट में भर गया. जिसकी वजह से बच्चे वहां फंस गए.
हादसे की जांच कर 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपें दिल्ली के डिविजन कमिश्नर, LG सक्सेना ने दिए आदेश
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार शाम हुए हादसे मामले में दिल्ली के डिविजन कमिश्नर से 48 घंटे के भीतर डिटेल रिपोर्ट सौंपने आदेश दिए हैं. घटना पर गहरा दु:ख जताते हुए 'एक्स' पर पोस्ट शेयर कर उन्होंने लिखा है कि देश की राजधानी दिल्ली में ऐसा होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है. एलजी सक्सेना ने आगे कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर दिल्ली पुलिस और दिल्ली फायर कर्मियों आदि की ओर से चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन और हालातों पर गहन नजर रखे हुए हैं. ये घटनाएं स्पष्ट रूप से संबंधित एजेंसियों और विभागों की ओर से बुनियादी रखरखाव और प्रशासन की आपराधिक लापरवाही और विफलता की तरफ इशारा करती हैं.
कोचिंग सेंटर हादसा दिल्ली सरकार के कुशासन का संकेत
एलजी सक्सेना ने यह भी कहा कि शहर का ड्रेनेज सिस्टम और संबंधित बुनियादी ढांचे को दुरूस्त और मजबूत बनाने की दिशा में किए जाने वाले सभी प्रयास ध्वस्त हो चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह कुशासन की उस बड़ी समस्या का संकेत है जिसका दिल्ली पिछले 10 सालों से सामना कर रही है. अपने घरों से दूर भारी भरकम फीस और रेंट देने वाले छात्रों की बुनियादी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों और मकान मालिकों की भूमिका पर गौर करने की जरूरत है.
गौरतलब है कि दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने कल देर रात्रि ओल्ड राजेंद्र नगर घटना की जांच करने के आदेश चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को दिए थे. इसके बाद अब एलजी वीके सक्सेना की ओर से इस मामले की जांच मंडलायुक्त को करने के आदेश दिए गए हैं. दिल्ली पुलिस इस मामले में बीएनएस की अलग-अलग धाराओं में मुकद्दमा दर्ज कर जांच में जुट गई है और बिल्डिंग के ओनर और कोऑर्डिनेटर को हिरासत में ले चुकी है.
दिल्ली सरकार से शिकायत के बावजूद नहीं की गई कार्रवाई
हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस कोचिंग सेंटर की शिकायत दिल्ली सरकार को जून माह में किशोर सिंह कुशवाहा नामक एक व्यक्ति की तरफ से ऑनलाइन की गई थी. ग्रीवेंस सेल में की गई यह शिकायत भी सामने आई हैं. करोल बाग के रहने वाले कुशवाह ने दिल्ली सरकार की ग्रीवेंस सेल को 26 जून, 2024 को की गई ऑनलाइन शिकायत में कहा था कि राऊ आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में अनुमति नहीं होने के बाद भी और बिना किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र के क्लास रूम का संचालन किया जा रहा है. करोल बाग, नई दिल्ली के इस सेंटर में टेस्ट कक्षाएं संचालित की जा रही हैं जिससे छात्रों एवं स्टाफ के जीवन को खतरा बना हुआ है और कोई बड़ी दुर्घटना होने की संभावना है.
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