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स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर दुर्ग कलेक्टर की पहल, सेवाओं के लिए बनाई चिकित्सा निगरानी टीम - COLLECTOR FORMED MONITORING TEAM

छत्तीसगढ़ के मॉडल अस्पतालों में शुमार दुर्ग के जिला अस्पताल में अब स्वास्थ सुविधा को बेहतर करने की कवायद शुरू हो चुकी है.

collector formed Monitoring team
जिला अस्पताल में बनीं चिकित्सा निगरानी टीम (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 15, 2025, 9:52 PM IST

दुर्ग :दुर्ग जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अब जिला प्रशासन ने सुध ली है. इसके लिए बकायदा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए टीम बनाई गई है. कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं की निगरानी के लिए 2 आईएएस सहित 6 वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की टीम गठित की है. ये टीम अस्पताल की ट्रामा यूनिट, ओपीडी, पैथालॉजी और वार्डों की नियमित जांच करेगी .साथ ही साथ व्यवस्थाओं में सुधार सुनिश्चित करेगी.

निगरानी टीम में कौन-कौन है शामिल :इस निगरानी टीम में आईएएस अरविंद एक्का, आईएएस अधिकारी एम. भार्गव के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.इन अधिकारियों की मदद से गंभीर मरीजों को मिलने वाली सेवाओं का जायजा लिया जाएगा. जिसमें ये सुनिश्चित किया जाएगा कि विशेषज्ञ डॉक्टर समय पर उपलब्ध हो और मरीजों को तुरंत उपचार मिले. साथ ही ओपीडी में मरीजों को दिए जा रहे इलाज की गुणवत्ता और पैथालॉजी में टेस्ट की प्रक्रिया की जांच की जाएगी.मरीजों को सटीक रिपोर्ट समय पर देने की व्यवस्था सुनिश्चित होगी.वहीं इस पूरे विषय पर कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हमारी प्राथमिकता है.

स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर दुर्ग कलेक्टर की पहल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

ये टीम मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की निगरानी करेगी और समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेगी. हमारा लक्ष्य है कि हर मरीज को समय पर और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं मिलें- ऋचा प्रकाश चौधरी,कलेक्टर

आपको बता दें कि आईएएस अधिकारी एम. भार्गव का मुख्य काम अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित कराना होगा. वो ये देखेंगे कि ट्रामा यूनिट में गंभीर मरीजों का इलाज तुरंत शुरू हो और सभी जरूरी चिकित्सा उपकरण चालू स्थिति में हों. इस पहल का मुख्य उद्देश्य सरकारी अस्पतालों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है.वहीं टीम गंभीर मरीजों को हायर सेंटर रेफर करने की प्रक्रिया की समीक्षा करेगी.जिसमें ये देखा जाएगा कि रेफरल सही समय पर और आवश्यक परिस्थितियों में ही किया जा रहा है. साथ ही वार्डों में भर्ती मरीजों की स्थिति, सफाई व्यवस्था, दवाओं की उपलब्धता और नर्सिंग सेवाओं का निरीक्षण किया जाएगा.

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