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मिलिए खेल की नर्सरी के ऐसे द्रोण से जिनके शिष्य लगातार रच रहे इतिहास, खड़ी कर दी एथलीट खिलाड़ियों की फौज

KPS Stadium coach Gaurav Tyagi : 50 से अधिक नेशनल प्लेयर प्रशिक्षण पा चुके हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

मेरठ :जिले के कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में कोच गौरव त्यागी ने अनेक बेटे बेटियों को हुनरमंद बनाया और देश में ही नहीं दुनिया भर में भी अपने परिवार समेत देश का नाम रोशन किया. स्टेडियम में कोच गौरव त्यागी ने अब तक सैकड़ों ऐसे एथलीट बेटे-बेटियों की फौज खड़ी कर दी है जो अपने आप में ही मिसाल है. आइए जानते हैं इनके बारे में.


कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में कोच गौरव त्यागी से बातचीत (Video credit: ETV Bharat)

क्रांतिधरा मेरठ की एक पहचान यह भी है कि इसे खिलाड़ियों की नर्सरी भी कहा जाता है. ऐसे में यहां की नर्सरी से निकलने वाले खिलाड़ी भी निरंतर इतिहास रच रहे हैं, लेकिन शायद ही यह बात सभी को मालूम हो कि आखिर खिलाड़ियों को इतना काबिल बनाने में किसका योगदान है. खासकर एथलेटिक्स में अलग-अलग प्रतियोगिताओं में मेरठ की बेटियां और बेटे भी लगातार पदक ला रहे हैं और अपनी मेहनत से देश में यहां का मान बढ़ा रहे हैं. ऐसे ही एक गुरु हैं कोच गौरव त्यागी. गौरव त्यागी ने बेटियों को हुनरमंद बनाया है. गौरव त्यागी से प्रशिक्षण पाकर बेटे-बेटियां बुलंदियों को छू रहे हैं. ये बेटे बेटियां सिर्फ प्रदेशभर और देशभर में ही नहीं बल्कि बल्कि दुनियाभर में देश का मान बढ़ा रहे हैं. एथलेटिक्स के कोच गौरव त्यागी के पास से प्रशिक्षण पाने वाले ऐसे युवा खिलाड़ियों की काफी लंबी फेहरिस्त है.

खिलाड़ियों से बातचीत करते कोच गौरव त्यागी (Photo credit: ETV Bharat)


गौरव त्यागी बताते हैं कि जिन्हें उन्होंने प्रशिक्षण दिया उनमें इंटरनेशनल स्तर पर एथलीट पारुल चौधरी, प्रियंका गोस्वामी, ख्याती माथुर, अनामिका दास शॉर्ट पुट, आकाश वेदवान रेस, जूनियर एशियन चैंपियनशिप, पैरा गेम्स में प्रीती पाल, (वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रांज, रवि कुमार, फातिमा खातून के अलावा और भी अनेकों खिलाड़ी हैं). वह बताते हैं कि 50 से अधिक नेशनल प्लेयर भी उनसे प्रशिक्षण पा चुके हैं. इनके अलावा और भी ऐसे खिलाड़ियों की लंबी फेहरिस्त है जोकि आज अपनी पहचान बना चुके हैं. उनके द्वारा प्रशिक्षित किये गये 50 से अधिक खिलाड़ी ऐसे हैं जो कि नेशनल मेडलिस्ट हैं.

खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते कोच गौरव त्यागी (Photo credit: ETV Bharat)

गौरव त्यागी बताते हैं कि वह हॉकी के प्लेयर थे, लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिलता था. गौरव कहते हैं कि उन्होंने अपने पिता से कई बार निवेदन किया कि वह उनकी सिफारिश लगा दें कि मैच खेलने दें, लेकिन पिता ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था, हालांकि पिता ने सुझाव जरूर दिया कि आप अपना कोई दूसरा ऐसा खेल चुनो जिसमें तुम्हें कोई रोक न सके. उसके बाद से वह जुट गये और एथलेटिक्स करते करते खूब प्रैक्टिस की. उसके बाद नेशनल खेला और छोटी बहन कोच का फॉर्म ले आई, जिसके बाद कोच बन गये और पहले पटियाला फिर उसके बाद 2009 में मेरठ में बतौर कोच सेवा दे रहे हैं.

खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते कोच गौरव त्यागी (Photo credit: ETV Bharat)

उन्होंने बताया कि प्रयास यही है कि जो कोचिंग में उन्हें नहीं मिला वह कमी बच्चों को न हो. वह कहते हैं कि बहुत अच्छा लगता है कि उन्होंने जिन बच्चों को प्रशिक्षण दिया, वह नाम रोशन कर रहे हैं. गौरव कहते हैं कि जो बच्चा उनसे प्रशिक्षण पाने वाला जब किसी भी प्रतियोगिता में खेलता है तो यही लगता है कि वही खेल रहे हैं. खुद की फिटनेस पर कितना ध्यान देने के सवाल पर गौरव त्यागी बताते हैं कि बच्चों को प्रशिक्षण देते देते ही फिटनेस बनी रहती है, वह कभी भी बैठकर प्रेक्टिस नहीं करते. पूरे समय बच्चों के साथ सक्रिय रहते हैं. कभी भी छुट्टी नहीं लेते. सुबह हो शाम दोनों समय पूरी एनर्जी के साथ बच्चों को ट्रेंड करते हैं. वह कहते हैं कि मेहनत से मंजिल आसान हो जाती है. कोशिश करते रहेंगे परिणाम भी सुखद होंगे.



कोच गौरव त्यागी कहते हैं कि जीवन में उन्होंने यह सपना देखा था कि वह देश के बाहर होने वाली प्रतियोगिता में देश के लिए मेडल लाएं, लेकिन कुछ परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. मजबूरी के चलते अपने सपने को पूरा करने के लिए वह बेटे बेटियों के साथ स्टेडियम में सुबह से शाम तक खूब पसीना बहाते हैं. उन्होंने कहा कि खुशी तब मिलती है जब बच्चे मेडल लाते हैं.


एथलीट पारुल चौधरी के पिता कृष्णपाल कहते हैं कि गौरव त्यागी पर खिलाड़ी बहुत भरोसा करते हैं. उन्होंने बहुत बच्चों का जीवन बदल दिया. बहुत बच्चे ऐसे हैं जो खेल में आने के बाद उनके मार्गदर्शन में छा गये और नौकरियां भी पा गए. प्रियंका गोस्वामी के पिता कहते हैं कि आज उनकी बेटी जो कुछ है अपने गुरु के आशीर्वाद से है.

बता दें कि खिलाड़ी भी गौरव त्यागी की प्रशंसा करते हुए नजर आते हैं. एथलीट पारुल चौधरी जब सीएम योगी से पुरस्कार पाई थीं तो माता-पिता के साथ अपने कोच गौरव त्यागी से मिलवाया था. गौरव त्यागी को लेकर उनके शिष्य हमेशा किसी न किसी मंच पर उनकी सराहना करते ही हैं. हाल ही में गौरव त्यागी से उनकी शिष्या प्रीति पाल मिलीं थीं. गुरु दक्षिणा के तौर पर पांच लाख रुपये अपने गुरु को देकर आशीर्वाद लेकर गई हैं, वहीं कई खिलाड़ी तो जब अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में भी साक्षात्कार देते हैं तो अपने गुरु का जिक्र करना नहीं भूलते हैं कि उनके कोच गौरव किस तरीके से प्रशिक्षण देते हैं.

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