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सीएम योगी तीन दिनों तक करेंगे कठिन साधना, जानें किस आराधना में होंगे लीन

अष्टमी से लेकर विजयादशमी तक गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ आराधना और आनुष्ठानिक कार्यक्रमों के लिए रहेंगे उपस्थित

गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2024, 6:06 PM IST

Updated : Oct 9, 2024, 6:26 PM IST

गोरखपुरः गोरखनाथ की तपस्थली गोरक्षपीठ में शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा से जारी आनुष्ठान की विशिष्टता की गुरुवार से ओर आगे बढ़ेगी. गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातर तीन दिन अनुष्ठान और आराधना में लीन रहेंगे. अष्टमी (गुरुवार) की शाम गोरक्षपीठ के पारंपरिक निशा पूजा में सम्मिलित होंगे, जबकि शुक्रवार को नवमी तिथि पर कन्या पूजन करेंगे. दशहरे के दिन गुरु गोरक्षनाथ की विशिष्ट पूजा कर गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली विजयादशमी शोभायात्रा की अगुवाई करेंगे. शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा को गोरक्षपीठाधीश्वर ने गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में कलश स्थापना की थी. इसके बाद के नियमित पूजन के अनुष्ठान उनके प्रतिनिधि के रूप में गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ द्वारा किए जा रहे हैं.

गोरखनाथ मंदिर और सीएम मीडिया सेल से मिली जानकारी के अनुसार गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गुरुवार को नवरात्र की अष्टमी तिथि में विधि विधान से महानिशा पूजन व हवन कर लोक मंगल की प्रार्थना करेंगे. शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 बजे से कन्या पूजन कर मातृ शक्ति के प्रति गोरक्षपीठ की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे. गोरक्षपीठाधीश्वर नौ दुर्गा स्वरूपा नौ कुंवारी कन्याओं के पांव पखारेंगे, उनके माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत का तिलक लगा विधि विधान से पूजन करेंगे. पूरी श्रद्धा से भोजन कराकर दक्षिणा व उपहार देकर उनका आशीर्वाद भी लेंगे. इस दौरान परंपरा के अनुसार बटुक पूजन भी किया जाएगा. शनिवार को गुरु गोरक्षनाथ के विशिष्ट पूजन व गोरक्षपीठाधीश्वर के तिलकोत्सव के बाद सायंकाल विजयादशमी की भव्य शोभायात्रा में भी शामिल होंगे.

उत्सवी परंपरा का खास आकर्षण है विजयादशमी शोभायात्रा
बता दें कि दशहरे के दिन गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली विजयादशमी शोभायात्रा गोरखपुर के उत्सवी परंपरा का खास आकर्षण है. इस शोभायात्रा में हर वर्ग के लोग तो शामिल होते ही हैं. अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम व बुनकर समाज) के लोगों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जाता है. तीन पीढ़ियों से विजयादशमी शोभायात्रा का स्वागत करने वाले उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के निवर्तमान चेयरमैन चौधरी कैफुलवरा बताते हैं कि शोभायात्रा का इंतजार तो पूरे शहर को होता है. लेकिन सबसे अधिक उत्साह अल्पसंख्यक समुदाय में दिखता है. कैफुलवरा कहते हैं कि मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ी दूर पर हम लोग घंटों पहले फूलमाला लेकर गोरक्षपीठाधीश्वर के स्वागत को खड़े रहते हैं. इस बार भी शोभायात्रा का भव्य स्वागत करने की तैयारी की जा रही है. गोरक्षपीठाधीश्वर का काफिला जब अल्पसंख्यक समुदाय की तरफ से होने वाले स्वागत के लिए जब रुकता है तो सामाजिक समरसता की तस्वीर विहंगम होती है.

धूमधाम से निकलेगी गोरक्षपीठाधीश्वर की विजयादशमी शोभायात्रा
गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी विजयादशमी के दिन शनिवार सायंकाल गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी. पीठाधीश्वर गुरु गोरक्षनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने वाहन में सवार होंगे. तुरही, नगाड़े व बैंड बाजे की धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंचेगी. यहां पहुंचकर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ से जुड़े मानसरोवर मंदिर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा अर्चना करेंगे. इसके बाद उनकी शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंचेगी. यहां पर चल रही रामलीला में प्रभु श्रीराम का राजतिलक करेंगे और आरती उतारेंगे. विजयादशमी के दिन गोरखनाथ मंदिर में होने वाले पारंपरिक तिलकोत्सव कार्यक्रम में गोरक्षपीठाधीश्वर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद भी देंगे. विजयादशमी के दिन शाम को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत भोज का भी आयोजन होगा.

लगेगी संतों की अदालत, दंडाधिकारी की भूमिका में होंगे गोरक्षपीठाधीश्वर
नाथपंथ की परंपरा के अनुसार हर वर्ष विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पीठाधीश्वर द्वारा संतों के विवादों का निस्तारण किया जाता है. मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्‍यनाथ नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्‍यक्ष भी हैं. इसी पद पर वह दंडाधिकारी की भूमिका में होते हैं. गोरखनाथ मंदिर में विजयादशमी को पात्र पूजा का कार्यक्रम होता है. इसमें गोरक्षपीठाधीश्वर संतो के आपसी विवाद सुलझाते हैं. विवादों के निस्तारण से पूर्व संतगण पात्र देव के रूप में योगी आदित्यनाथ का पूजन करते हैं. पात्र देवता के सामने सुनवाई में कोई भी झूठ नहीं बोलता है. पात्र पूजा संत समाज में अनुशासन के लिए भी जाना जाता है.

Last Updated : Oct 9, 2024, 6:26 PM IST

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