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हिमाचल का नए IAS-IPS लेने से इनकार, मुख्यमंत्री ने खारिज किया केंद्र का प्रस्ताव, जानें वजह - NEW IAS IPS RECRUITMENT REJECTED

हिमाचल प्रदेश की आर्थिक हालत सुधारने की दिशा में मुख्यमंत्री ने केंद्र के नए आईएएस-आईपीएस लेने के प्रस्ताव से इनकार कर दिया है.

CM SUKHVINDER SINGH SUKHU
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (File Photo)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 30, 2025, 12:46 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश की आर्थिक सेहत सुधारने की दिशा में प्रदेश सरकार एक के बाद एक सख्त फैसले ले रही है. सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ न पड़े और प्रदेश में विकास को गति देने के लिए सरकार आईएएस-आईपीएस को लेकर बड़ा फैसला लेने से भी पीछे नहीं हट रही है. इसी के चलते अब सरकार ने नए आईएएस-आईपीएस न लेने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र के नए आईएएस-आईपीएस लेने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. यानी प्रदेश में वेतन देने से सरकारी खजाने पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने के लिए सरकार ने नए आईएएस-आईपीएस लेने से इंकार कर दिया है.

पूर्व में भाजपा ने भी लिया था ये फैसला

हिमाचल प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के रहते हुए भी भाजपा सरकार ने इस तरह का फैसला लिया था. जिसका ब्यूरोक्रेसी ने विरोध किया था. ऐसे में भारी दबाव में ये फैसला सिरे नहीं चढ़ सका था. दरअसल, केंद्र सरकार का कार्मिक विभाग हर साल राज्यों से जरूरत के अनुसार आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की डिमांड मांगता है. जिसके बाद हर राज्य को डिमांड के मुताबिक केंद्र से उतनी संख्या में नए आईएएस और आईपीएस भेजे जाते हैं. इसी तरह हिमाचल में भी नए आईएएस-आईपीएस भेजे जाने को लेकर केंद्र ने प्रस्ताव भेजा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने केंद्र के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की डिमांड से संबंधित ये फाइल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रद्द कर दी है और नए अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश में लाने से मना कर दिया है.

सुक्खू सरकार के सख्त फैसले

हजारों करोड़ रुपयों के कर्ज के बोझ तले दबी हिमाचल की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सुक्खू सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है. इसके लिए पिछले कई महीनों से सरकार एक के बाद एक सख्त फैसले ले रही है. इसके तहत प्रदेश सरकार ने बिजली और पानी के बिल माफ करने के पूर्व सरकार के फैसले को पलटा है. वहीं, सरकार ने भारी दबाव के बाद लोगों से बिजली और पानी के बिल वसूलने का भी बड़ा फैसला लिया है. इसके अलावा खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के कई फैसले लिए गए हैं. इसी तरह से ब्यूरोक्रेसी पर आने वाले वेतन के खर्च को कम करने के लिए अब नए आईएएस और आईपीएस न लेने का भी फैसला लिया गया है.

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