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छात्र संघ चुनाव को बहाल करने की स्टूडेंट्स ने की मांग, CM ने दिया ये बयान - Student union election in Himachal

CM Sukhu on Student union election: छात्र राजनीति में बढ़ती हिंसा को लेकर साल 2014 में वीरभद्र सरकार ने हिमाचल में छात्र संघ चुनावों पर रोक लगाई थी. 10 साल बीत जाने के बाद भी प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं हो पाए हैं.

CM in HPU
छात्रों ने एचपीयू में सीएम के समक्ष रखी अपनी मांगें (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 15, 2024, 7:34 PM IST

सुखविंदर सिंह सुक्खू, सीएम हिमाचल प्रदेश (ETV Bharat)

शिमला:हिमाचल प्रदेश में छात्र संघ चुनाव को फिर से बहाल करने के सीएम सुक्खू ने आज विश्व विद्यालय में 90 के दशक के छात्रों के लिए आयोजित एलुमनी मैत्री कार्यक्रम के दौरान संकेत दिये हैं. एचपीयू की ओर से दो दिवसीय एलुमनी मैत्री कार्यक्रम का आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुभारंभ किया.

इसमें देश-विदेश के 90 के दशक के दौर में पढ़े हुए 600 के आसपास पूर्व छात्र एकत्रित हुए. सीएम भी नब्बे के दशक में प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं और छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं.

आज सीएम ने पूर्व छात्रों के साथ विश्वविद्यालय के उस दौर की यादें ताजा की और हिंसा रहित छात्र संघ के चुनावों को बहाल करने की बात कही. सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी एचपीयू से निकले छात्र आज विधायक की भूमिका में प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहे हैं और देश के नामी सरकारी और निजी संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. छात्र राजनीति भी बेहद अहम है लेकिन इसमें हिंसा नहीं होनी चाहिए. छात्र संघ चुनाव को कैसे बहाल किया जाए इसको लेकर सरकार विचार करेगी.

साल 2014 में वीरभद्र सरकार ने हिमाचल में छात्र संघ चुनावों पर रोक लगाई थी. उस समय कॉलजों और विश्वविद्यालय में बढ़ती हिंसा को लेकर यह फैसला लिया गया था. हालांकि इसके बाद जयराम सरकार ने भी पूर्व कांग्रेस सरकार के फैसले को नहीं बदला. अब प्रदेश में फिर सीएम सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है और 10 साले से प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में छात्र संघ चुनाव बंद हैं.

वहीं, सीएम सुक्खू को इस दौरान छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर पत्र सौंपा. छात्रों ने कहा प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव न होने की वजह से छात्र अपनी मांगों को प्रमुखता से विश्वविद्यालय प्रशासन व प्रदेश सरकार के सामने नहीं रख पा रहे हैं. छात्रों की राजनीतिक चेतना को खत्म किया जा रहा है. प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव न होने की वजह से ही शैक्षणिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है.

वहीं, दूसरी मुख्य मांग विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति को नियुक्त करने की थी. बीते दो सालों से विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति नहीं है जिस कारण विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में अनेकों अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं.

वहीं, तीसरी मुख्य मांग विश्वविद्यालय में हुई फर्जी प्रोफेसर भर्ती की जल्द से जल्द न्यायिक जांच करवाई जाए और अवैध रूप से भर्ती किए गए सभी प्रोफेसरों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए ताकि विश्वविद्यालय में गुणात्मक शिक्षा व शोध को बचाया जा सके.

इसके अलावा भी कई अन्य छात्र मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष उठाई गईं. जैसे सभी छात्रों को छात्रावास की सुविधा, इआरपी सिस्टम की अनियमितताओं को खत्म करना व पीएचडी में लगातार हो रहे फर्जी प्रवेशों पर रोक लगाई जाए. आउटसोर्स पर भर्तियां ना करवा कर गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्तियां जल्द से जल्द करवाई जाएं. सीएम सुक्खू ने आश्वासन दिया कि इन मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी.

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