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हिमाचल भवन दिल्ली की कुर्की मामले में सीएम सुक्खू ने भाजपा को घेरा, कहा-मजबूती से पैरवी नहीं कर पाई जयराम सरकार - HIMACHAL BHAWAN ATTACHMENT CASE

सीएम सुखविंदर सुक्खू ने हिमाचल भवन कुर्की मामले को लेकर भाजपा को घेरा. उन्होंने कहा जयराम सरकार ने मामले की मजबूती से पैरवी नहीं की.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (FILE)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 19, 2024, 9:39 PM IST

शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 64 करोड़ की अपफ्रंट प्रीमियम मामले में पूर्व सरकार ने मजबूती से पैरवी नहीं की. अब राज्य सरकार इस केस में उचित कानूनी उपाय सुनिश्चित करेगी. सीएम ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार मामले की मजबूती से पैरवी करने में असफल रही. सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने के फैसले के खिलाफ सरकार पुरजोर वकालत करेगी.

सीएम ने कहा कि यह परियोजना वर्ष 2009 में सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी को दी गई थी. उस समय की राज्य की ऊर्जा नीति के अनुसार विद्युत परियोजना स्थापित करने में विफल रहने पर राज्य सरकार को भुगतान किए गए अग्रिम प्रीमियम को कंपनी को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं था. सीएम सुक्खू ने कहा कि उस समय की ऊर्जा नीति के तहत राज्य को प्रति मेगावाट 10 लाख रुपये अपफ्रंट प्रीमियम भुगतान करने का प्रावधान था. साथ ही प्रतिस्पर्धी बोली के दौरान मैसर्ज मोजर बेयर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने न्यूनतम 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट की बोली लगाई. इसके लिए 64 करोड़ रुपये का अग्रिम प्रीमियम जमा करवाया.

उन्होंने कहा कि कंपनी को इस नीति के प्रावधानों की जानकारी थी. तत्कालीन ऊर्जा मंत्री विद्या स्टोक्स के कार्यकाल के दौरान विधायक के रूप में मैंने नीति को तैयार करने में योगदान दिया था. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 320 मेगावाट की सेली हाइडल इलेक्ट्रिक परियोजना के संबंध में हिमाचल प्रदेश सरकार, मैसर्ज मोजर बेयर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के बीच 22 मार्च 2011 को त्रिपक्षीय पूर्व कार्यान्वयन समझौता किया गया था. फिर वर्ष 2017 में कंपनी ने परियोजना को वित्तीय रूप से व्यवहार्य यानी वाएबल न बताते हुए परियोजना को सरेंडर कर दिया था. इस पर सरकार ने नीति के अनुसार परियोजना का आवंटन रद्द कर दिया और जमा की गई 64 करोड़ रुपए की अग्रिम प्रीमियम राशि को जब्त कर लिया था.

सीएम सुक्खू ने हिमाचल भवन कुर्की मामले में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए 5000 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटी थी. सीएम ने कहा कि क्या ये राज्य के संसाधनों की नीलामी नहीं थी? सीएम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार मजबूती के साथ प्रदेश के हितों की रक्षा कर रही है. कांग्रेस सरकार ने जंगी-थोपन प्रोजेक्ट में अडानी समूह के साथ केस में हाईकोर्ट के समक्ष मजबूती से पक्ष रखा था. फलस्वरूप अदालत से राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय आया.

उन्होंने कहा कि इस मामले (अडानी समूह) में भी हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले को पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में चुनौती नहीं दी गई. वर्तमान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की डबल बेंच के समक्ष मामले की पैरवी की और हाईकोर्ट की डबल बेंच से प्रदेश के पक्ष में फैसला आया, जिससे राज्य की 280 करोड़ रुपये की बचत हुई. यही नहीं, हिमाचल भवन मामले में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के शीर्ष वकीलों की सेवाएं लेने से जुड़े बयान की निंदा करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा के पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान निरंतर हिमाचल के हित उपेक्षित हुए. अपने कार्यकाल के दौरान जयराम ठाकुर प्रदेश के हितों को ताक में रखकर मुफ्त की रेवड़ियां बांटने में व्यस्त रहे. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल भवन मामले में उचित कानूनी उपाय करेगी.

सरकार ने की अपील, हाईकोर्ट में 16 तक टली सुनवाई:वहीं, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है. अपील की सुनवाई डबल बेंच में हुई. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ के समक्ष इस मामले में सुनवाई 16 दिसंबर तक टल गई. सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड की अपफ्रंट मनी को ब्याज सहित लौटाने के मामले में राज्य सरकार ने अपील की है. हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामले पर एडवोकेट जनरल राज्य का पक्ष रखेंगे. सरकार की तरफ से बताया गया कि अभी एडवोकेट जनरल दिल्ली गए हैं. इसलिए मामले को अगली तारीख तक स्थगित किया जाए. इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 दिसंबर को निर्धारित की है. उल्लेखनीय है कि सोमवार को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कंपनी द्वारा दायर अनुपालना याचिका में नई दिल्ली के हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं.

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