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हिमाचल को नाबार्ड से मिलेगा 34,490 करोड़ का ऋण, CM सुक्खू ने किया राज्य क्रेडिट सेमिनार का शुभारंभ

CM Sukhu Launches State Credit Seminar: नाबार्ड ने हिमाचल में उपलब्ध संसाधनों और बैंकिंग ढांचे के आधार पर वर्ष 2024-25 के लिए कृषि और संबंधित गतिविधियों, एमएसएमई और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 34,490 करोड़ की ऋण संभाव्यता योजना तैयार की है. सीएम सुक्खू ने राज्य क्रेडिट सेमिनार का शुभारंभ किया.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 31, 2024, 7:59 PM IST

शिमला:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयोजित राज्य क्रेडिट सेमिनार का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने कहा बैंक ने राज्य में उपलब्ध संसाधनों और बैंकिंग ढांचे के आधार पर वर्ष 2024-25 के लिए कृषि और संबंधित गतिविधियों, एमएसएमई और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 34,490 करोड़ की ऋण संभाव्यता योजना तैयार की है, जो पिछले साल की तुलना में 8 फीसदी अधिक है.

सुक्खू ने कहा सरकार ने लोगों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन, मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना, मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन, मुख्यमंत्री रोजगार संकल्प सेवा, मुख्यमंत्री विद्यार्थी योजना और स्टार्टअप सहित अन्य योजनाएं शुरू की हैं. उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि इन योजनाओं के उचित क्रियान्वयन के लिए ऋण देने में अपना सक्रिय सहयोग दें. ताकि किसान, बागवान और युवा इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘नाबार्ड स्टेट फोकस पेपर-2024-25’ भी जारी किया.

मुख्यमंत्री ने कहा भारतीय रिजर्व बैंक की प्राथमिकता क्षेत्र ऋण प्रवाह पर जारी किए गए निर्देशों के अंतर्गत प्रदेश का कोई भी जिला ‘क्रेडिट की कमी’ की श्रेणी में नहीं आता है. इन जिलों में ऋण प्रवाह सामान्य है, लेकिन प्रदेश का ऋण और जमा अनुपात 36:39 फीसदी है. बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, ऊना, लाहौल स्पीति और चंबा में ऋण एवं जमा अनुपात लगातार 40 फीसदी से कम है, जो चिंता का विषय है. उन्होंने बैंकों एवं अन्य हितधारकों को इन जिलों में ऋण व जमा अनुपात को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया.

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा जिला ऊना के पेखूबेला में 32 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जो फरवरी माह में बनकर तैयार हो जाएगा. स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के दूसरे चरण में बेरोजगार युवाओं के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए राज्य सरकार मदद देगी. इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवा अपनी भूमि पर 100, 200 व 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा केन्द्र स्थापित कर पाएंगे और राज्य सरकार उनसे 25 वर्षों तक बिजली की खरीद करेगी. ताकि उन्हें निश्चित आय प्राप्त हो सके.

उन्होंने कहा इसके अतिरिक्त ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए आईओसीएल के साथ एक मेगावाट क्षमता का एक प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. आने वाले समय में राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए योजनाएं कार्यान्वित करेगी और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं.

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