शिमला:हिमाचल के तहत शिमला में विशेष रूप से सक्षम बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय की सुविधा मिलेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सोमवार को शिमला जिले के हीरानगर में विशेष रूप से सक्षम बच्चों के लिए पहले आवासीय विद्यालय का उद्घाटन किया. शिमला में ₹6.67 करोड़ की लागत से निर्मित इस विद्यालय में 6 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. इसके साथ ही उन्हें अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला विद्यालय है, जो छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और निःशुल्क आवास सुविधाएं प्रदान करता है. विद्यालय में 16 आधुनिक कक्षा-कक्ष हैं, जिनमें एक कंप्यूटर लैब, संगीत कक्ष तथा एक बहुउद्देशीय हॉल शामिल हैं. छात्रावास ब्लॉक में 50 बच्चे रह सकते हैं. इसमें एक चिकित्सा कक्ष के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर भी शामिल हैं. अगले बजट में विशेष बच्चों के लिए सरकार नई कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने वाली हैं".
सरकार ने दिए 38.50 करोड़ के वित्तीय लाभ
सीएम सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार असहाय बच्चों के कल्याण के लिए पूर्ण समर्पण एवं प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने बेसहारा बच्चों की देखभाल एवं शिक्षा के लिए कानून बनाया है. मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के माध्यम से सरकार ने इन बच्चों को "राज्य के बच्चे" के रूप में गोद लिया है. ऐसे बच्चों की न केवल उनकी शिक्षा का खर्च वहन कर रही है, बल्कि उन्हें जेब खर्च के रूप में 4 हजार रुपये महीना दे रही है. पिछले दो वर्षों में सरकार ने इस योजना के तहत 38.50 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया है.